ट्रम्प ने भारत को चेताया, रूसी तेल पर बढ़ सकते हैं टैरिफ
भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के साथ अपने संबंधों में खटास की ओर इशारा किया है, जब भारत ने उनके अनुरोध के बावजूद रूसी तेल की खरीद जारी रखी। ट्रम्प ने एक बार फिर भारत को चेतावनी दी है कि वह अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर टैरिफ बढ़ाने की संभावना का जिक्र कर रहे हैं।
भारत पर ट्रम्प की कड़ी टिप्पणी
राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत की आलोचना करते हुए कहा कि वह रूस से तेल खरीदने के साथ-साथ उसे खुले बाजार में बेचकर लाभ कमा रहा है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच भारत की स्थिति क्या है।
ट्रम्प का सोशल मीडिया पर बयान
ट्रम्प ने Truth Social पर लिखा, "भारत न केवल रूस से भारी मात्रा में तेल खरीद रहा है, बल्कि वह खरीदे गए तेल का एक बड़ा हिस्सा खुले बाजार में बेचकर बड़ा मुनाफा कमा रहा है। उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि यूक्रेन में कितने लोग प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए, मैं भारत द्वारा अमेरिका को चुकाए जाने वाले टैरिफ को काफी बढ़ाने जा रहा हूँ।"
बातचीत का संभावित विषय
इस बयान ने कूटनीतिक और व्यापारिक हलकों में चर्चा को जन्म दिया है, लेकिन अधिकारियों ने अभी तक औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह मुद्दा आगामी द्विपक्षीय व्यापार वार्ताओं में एक महत्वपूर्ण विषय बन सकता है।
भारतीय निर्यात पर प्रभाव
आगामी टैरिफ वृद्धि से विभिन्न आपूर्ति श्रृंखलाओं पर असर पड़ेगा। भारतीय निर्यात, जो 2024-25 में 86.5 अरब डॉलर था, 2025-26 में लगभग 30 प्रतिशत घटकर 60.6 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
जीटीआरआई की सिफारिशें
जीटीआरआई ने एक लक्षित पांच-बिंदु कार्य योजना की सिफारिश की है, जिसमें MSMEs के लिए वित्तीय राहत, वास्तविक समय व्यापार खुफिया, एफटीए का स्मार्ट उपयोग, पर्यटन सुधार, और नए निर्यातकों के लिए सरल प्रक्रिया शामिल है।
भारत की स्थिति
भारत को अमेरिका में 25 प्रतिशत देश-विशिष्ट टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है, जो एशियाई निर्यातकों में सबसे अधिक है। इसके विपरीत, वियतनाम, बांग्लादेश और अन्य देशों को कम या शून्य शुल्क का लाभ मिल रहा है।