ट्रंप का नया वीजा सिस्टम: गोल्ड कार्ड और एच-1बी वीजा की फीस में वृद्धि
ट्रंप का नया वीजा सिस्टम
ट्रंप ने एक नया वीजा सिस्टम भी शुरू किया है. Image Credit source: File
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एच-1बी वीजा की वार्षिक फीस को बढ़ाकर 1 लाख डॉलर कर दिया है। यह निर्णय विशेष रूप से उन भारतीय पेशेवरों पर प्रभाव डालेगा, जो अमेरिका की प्रमुख तकनीकी कंपनियों में कार्यरत हैं। व्हाइट हाउस में इस नियम पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा कि इसका उद्देश्य अमेरिकी नागरिकों को रोजगार प्रदान करना है। प्रशासन ने बाद में बताया कि इससे अमेरिकी श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और कंपनियां वास्तव में 'विशेष और प्रतिभाशाली व्यक्तियों' को नियुक्त कर सकेंगी।
हर साल अमेरिका 85,000 एच-1बी वीजा लॉटरी प्रणाली के माध्यम से जारी करता है, जिसमें से लगभग 75% भारतीयों को मिलते हैं। ट्रंप ने एक नया वीजा विकल्प भी पेश किया है, जिसे 'गोल्ड कार्ड' कहा जाता है। यह उन विदेशी नागरिकों के लिए है, जो अमेरिका में निवास और कार्य करना चाहते हैं। ट्रंप ने कहा, 'गोल्ड कार्ड से अरबों डॉलर का निवेश होगा और कंपनियां अपने आवश्यक विशेषज्ञों को रख सकेंगी।' व्हाइट हाउस के अनुसार, यह कार्ड सफल व्यवसायियों, निवेशकों और उद्यमियों को प्रदान किया जाएगा। यह कार्ड भविष्य में ग्रीन कार्ड का विकल्प बन सकता है, जो विदेशियों को अमेरिका में रहने और काम करने की अनुमति देता है।
गोल्ड कार्ड कैसे प्राप्त करें?
गोल्ड कार्ड के लिए आवेदन करते समय नॉन-रिफंडेबल फीस का भुगतान करना होगा। यदि आवेदन स्वीकृत होता है, तो 1 मिलियन डॉलर (लगभग 8.3 करोड़ रुपये) जमा करना होगा। इस कार्ड के माध्यम से आप अमेरिका के सभी 50 राज्यों में यात्रा और निवास कर सकते हैं।
ट्रंप प्लेटिनम कार्ड
यह कार्ड भी व्यवसायियों, निवेशकों और उद्यमियों के लिए है, लेकिन इसमें अधिक लाभ होंगे। इसका रजिस्ट्रेशन अभी शुरू नहीं हुआ है। जब यह शुरू होगा, तो पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होगा। मंजूरी मिलने पर 5 मिलियन डॉलर (लगभग 41.5 करोड़ रुपये) का भुगतान करना होगा। इसके साथ, आप अमेरिका में साल में 270 दिन तक रह सकते हैं और इस दौरान अमेरिकी आयकर नहीं देना होगा।
ट्रंप कॉरपोरेट गोल्ड कार्ड
यह कार्ड उन कंपनियों के लिए है, जो विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करना चाहती हैं। इसकी फीस 2 मिलियन डॉलर (लगभग 16.6 करोड़ रुपये) प्रति कर्मचारी होगी। कंपनियों को हर कर्मचारी के लिए नॉन-रिफंडेबल फीस का भुगतान करना होगा। इसके अलावा, एक छोटी वार्षिक रखरखाव फीस और ट्रांसफर फीस भी लागू होगी।
ये भी पढ़ें- एच-1बी वीजा को लेकर बढ़ी टेंशन, ट्रंप ने बदला नियम, लाखों भारतीयों पर पड़ेगा असर