टेली मानस हेल्पलाइन पर मानसिक स्वास्थ्य के लिए बढ़ती कॉल की संख्या
मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए हेल्पलाइन का महत्व
हर दिन औसतन 3,500 लोग मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के लिए टेली मानस हेल्पलाइन पर कॉल कर रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में, इस हेल्पलाइन पर 21 लाख से अधिक कॉल प्राप्त हुए हैं।
यह हेल्पलाइन, जिसे राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहंस) द्वारा संचालित किया जा रहा है, मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों के लिए निःशुल्क परामर्श प्रदान करती है। तकनीकी सहायता आईआईआईटी-बी द्वारा दी जा रही है। अक्टूबर 2022 में शुरू की गई इस सेवा को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
कॉल करने वालों की विविधता
यह हेल्पलाइन 20 भाषाओं में 24 घंटे, सप्ताह के सातों दिन उपलब्ध है। कॉल करने वाले लोग विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जैसे कि शोक, पारिवारिक तनाव, पढ़ाई का दबाव, आत्महत्या के विचार, और नशीली दवाओं का दुरुपयोग।
अधिकतर कॉल 18 से 25 वर्ष के युवाओं से आ रही हैं, जो नींद और परीक्षा के तनाव जैसी समस्याओं के बारे में सहायता मांग रहे हैं।
वीडियो परामर्श सेवा का विस्तार
पिछले साल शुरू की गई वीडियो परामर्श सेवा को भी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। इसे अब पूरे देश में विस्तारित करने की योजना है। प्रत्येक केंद्र में चार डॉक्टर और आठ काउंसलर इस सेवा पर कार्यरत होंगे।
यदि कॉल करने वाले गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो उन्हें वीडियो काउंसलिंग प्रदान की जाएगी। वर्तमान में, यह सेवा कर्नाटक, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर में उपलब्ध है।
मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता
हाल के समय में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ी है, जिससे हेल्पलाइन पर कॉल की संख्या में वृद्धि हुई है। इससे अस्पतालों पर बोझ कम हो रहा है। निमहंस के डॉक्टरों ने बताया कि बेंगलुरू और धारवाड़ में टेली-माइंड इकाई कार्यरत है।
कॉल माइलस्टोन
2022 अक्टूबर: हेल्पलाइन का शुभारंभ।
2023 अप्रैल: 1 लाख कॉल प्राप्त।
2023 दिसंबर: 5 लाख कॉल प्राप्त।
2024 मई: 1 मिलियन कॉल प्राप्त।
2024 अप्रैल: 1.5 लाख कॉल प्राप्त।
2025 मार्च: 2 मिलियन कॉल प्राप्त।