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टीएमसी ने विधायक हुमायूं कबीर को निलंबित किया, नई पार्टी बनाने की योजना

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने विधायक हुमायूं कबीर को निलंबित कर दिया है, जिन्होंने बाबरी मस्जिद की प्रतिकृति बनाने की घोषणा की थी। कबीर ने कहा है कि वह अगले महीने एक नई पार्टी का गठन करेंगे और विधानसभा चुनावों में 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे। इस घटनाक्रम ने भाजपा को टीएमसी पर हमले का मौका दिया है, जबकि कबीर की टिप्पणियों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
 

टीएमसी का निलंबन निर्णय

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अपने विधायक हुमायूं कबीर को निलंबित करने का निर्णय लिया है। यह कदम तब उठाया गया जब कबीर ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद की एक प्रतिकृति बनाने की घोषणा की थी। पार्टी ने एक बयान में कहा कि कबीर को विवादास्पद टिप्पणियों से दूर रहने के लिए कहा गया था। पिछले महीने, कबीर ने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की प्रतिकृति की आधारशिला रखने की बात कही थी, जो उस दिन अयोध्या में मूल मस्जिद के गिराए जाने की वर्षगांठ है। उन्होंने यह भी कहा था कि मस्जिद का निर्माण तीन महीने में पूरा हो सकता है。


पार्टी के नेताओं की प्रतिक्रिया

पश्चिम बंगाल के मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने पुष्टि की कि हुमायूं कबीर को पार्टी से निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी की मंजूरी और महासचिव अभिषेक बनर्जी की सहमति से लिया गया है। हकीम ने कहा कि कबीर की अचानक की गई घोषणा ने पार्टी को चिंतित किया था, और उन्हें पहले ही चेतावनी दी गई थी।


कबीर की नई पार्टी की योजना

टीएमसी से निलंबन के बाद, कबीर ने घोषणा की है कि वह अगले महीने एक नई पार्टी का गठन करेंगे और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में 135 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करेंगे। डेबरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक कबीर ने कहा कि वह जल्द ही टीएमसी से इस्तीफा देंगे और 22 दिसंबर को नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं।


राजनीतिक प्रतिक्रिया

कबीर की टिप्पणियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को टीएमसी पर हमला करने का एक अवसर प्रदान किया है, खासकर 2026 के पश्चिम बंगाल चुनावों से पहले। भाजपा ने आरोप लगाया है कि टीएमसी वोट बैंक की राजनीति में लिप्त है और बांग्लादेशी घुसपैठियों का समर्थन कर रही है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने भी टीएमसी की आलोचना की है, यह कहते हुए कि कबीर की टिप्पणी पार्टी की "वैचारिक अस्थिरता" को दर्शाती है।