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झारखंड में नक्सलियों ने मोबाइल टावर को आग लगाई, सुरक्षा बलों ने अभियान तेज किया

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम ज़िले में नक्सलियों ने एक मोबाइल टावर को आग लगा दी, जिससे सुरक्षा बलों ने नक्सल विरोधी अभियान को तेज करने का निर्णय लिया। इस हमले के बाद, सुरक्षा बलों ने जंगलों में तलाशी अभियान शुरू किया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नक्सलियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। जानें इस घटना के पीछे के कारण और सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया के बारे में।
 

नक्सलियों का हमला और सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम ज़िले के सारंडा वन क्षेत्र में एक गांव के निकट शुक्रवार रात को हथियारबंद नक्सलियों के एक समूह ने एयरटेल मोबाइल टावर और उसके जनरेटर में आग लगा दी। अधिकारियों के अनुसार, लगभग 20 नक्सली गांव में घुस आए, जहां उन्होंने जनरेटर और अन्य उपकरणों पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। कुछ ही मिनटों में पूरा टावर जलकर राख हो गया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि आग लगाने के बाद नक्सलियों ने नारेबाजी की, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि उनका क्षेत्र में प्रभाव अभी भी बना हुआ है। ऐसा माना जा रहा है कि उनका उद्देश्य संचार व्यवस्था को बाधित करना था, ताकि सुरक्षा बलों की गतिविधियों की जानकारी बाहर न आ सके.


सुरक्षा बलों की कार्रवाई

इस आगजनी के बाद सुरक्षा बलों ने नक्सल विरोधी अभियान को और तेज कर दिया है। यह घटना नक्सलियों द्वारा तीन अलग-अलग स्थानों पर सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोटों के तुरंत बाद हुई। इन हमलों में एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं और उनका इलाज दिल्ली में चल रहा है। सूत्रों के अनुसार, जंगल में तलाशी अभियान जारी है और नक्सलियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.


पुलिस अधीक्षक का बयान

पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक अमित रेणु ने बताया कि चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों ने नक्सलियों को काफी कमजोर कर दिया है, जो अब चारों ओर से घिरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि नक्सली अब स्थानीय लोगों में डर फैलाने के लिए इस तरह की हरकतें कर रहे हैं। सुरक्षा बलों ने जंगलों में अपने अभियानों को तेज कर दिया है और नक्सल विरोधी गतिविधियों को और भी प्रभावी तरीके से जारी रखा है.