झारखंड में ईडी की छापेमारी: कारोबारी अमर मंडल ने अधिकारियों को चकमा दिया
ईडी की कार्रवाई में चौंकाने वाला मोड़
झारखंड के दुमका में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक कार्रवाई के दौरान एक अनोखी घटना सामने आई। अवैध कोयला व्यापार के आरोपों में फंसे कारोबारी अमर मंडल ने ईडी के अधिकारियों को अपने घर तक ले जाकर कुछ ही समय में वहां से भागने में सफल हो गया, क्योंकि अधिकारी उसे पहचान नहीं पाए।
सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार सुबह लगभग 5 बजे ईडी की टीम दुमका के सेजकोड़ा गांव पहुंची। ईडी के अधिकारी मंडल के निवास पर छापेमारी करने वाले थे। उस समय अमर मंडल सुबह की सैर पर था। अधिकारियों ने उससे पूछा, 'अमर मंडल का घर कहां है?' मंडल ने सहजता से अपने घर की दिशा बताई और फिर पास खड़ी मोटरसाइकिल पर बैठकर फरार हो गया। कुछ समय बाद अधिकारियों को पता चला कि जिस व्यक्ति से उन्होंने बात की थी, वह खुद अमर मंडल था।
शनिवार को ईडी ने एक बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि झारखंड और पश्चिम बंगाल में अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ की गई कार्रवाई में कुल 44 स्थानों पर छापेमारी की गई। इस दौरान लगभग 14 करोड़ रुपये की नकदी, सोना और जूलरी बरामद की गई। इसके साथ ही अवैध कोयला सिंडिकेट से जुड़े दस्तावेज, भूमि सौदों के कागजात, डिजिटल उपकरण और विभिन्न कंपनियों के खातों की जानकारी भी जब्त की गई।
इन 44 स्थानों में से 20 झारखंड के धनबाद और दुमका में थे, जो लाल बहादुर सिंह, अनिल गोयल, संजय खेमा, अमर मंडल और उनके सहयोगियों से जुड़े थे। वहीं, 24 स्थान पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता में थे, जहां आरोपियों के ठिकानों, दफ्तरों, अवैध टोल बूथों और कोक प्लांट्स पर छापे मारे गए।
इस कार्रवाई में 100 से अधिक ईडी अधिकारी और CRPF जवान शामिल थे। यह जांच उन FIRs पर आधारित है, जो झारखंड से बंगाल की ओर अवैध कोयले की सप्लाई चेन के आरोपों के तहत दर्ज की गई थीं। छापों के दौरान बरामद डायरी और रजिस्टरों में कथित अवैध वसूली और लाभार्थियों का पूरा विवरण मौजूद है।
इसके अलावा, बंगाल के तीन कोक प्लांट्स पर की गई छापेमारी में लगभग 7.9 लाख मीट्रिक टन अवैध कोयला और एग्रीगेट्स मिलने का दावा भी ईडी ने किया है। फिलहाल, अमर मंडल फरार है और उसकी तलाश जारी है। अधिकारियों का मानना है कि मंडल का भागना जांच टीम की चूक थी, जिससे ईडी की कार्रवाई पर कई सवाल उठ रहे हैं.