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झाझा विधानसभा चुनाव: त्रिकोणीय मुकाबले में कौन होगा विजेता?

बिहार विधानसभा चुनाव में झाझा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और जन सुराज पार्टी के उम्मीदवारों के बीच कड़ा संघर्ष होगा। इस सीट का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी दिलचस्प है, जहां कांग्रेस, जेडीयू और अन्य दलों ने पहले भी जीत हासिल की है। जानें इस बार मतदाता किस पार्टी को समर्थन देंगे और चुनाव का परिणाम क्या होगा।
 

बिहार विधानसभा चुनाव पर नजरें

बिहार विधानसभा चुनाव पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। झाझा विधानसभा सीट, जो कि जमुई जिले में स्थित है, इस चुनाव में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इसे 'मिनी शिमला' के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह झारखंड की सीमा के निकट एक पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है। इस सीट पर मतदान 11 नवंबर को होगा।


मुख्य मुकाबला किसके बीच

झाझा विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और जन सुराज पार्टी के उम्मीदवारों के बीच मुख्य मुकाबला देखने को मिल रहा है। जेडीयू ने इस बार अपने पुराने विजेता दामोदर रावत पर भरोसा जताया है, जबकि आरजेडी ने जय प्रकाश यादव को मैदान में उतारा है। जन सुराज पार्टी ने नीलेंदु दत्त मिश्रा को टिकट दिया है। पिछले दो चुनावों में जेडीयू और भाजपा ने एक-एक बार जीत हासिल की है।


हालांकि, पिछले साल के लोकसभा चुनाव के परिणाम यह संकेत देते हैं कि आरजेडी के लिए यहां जीत पाना आसान नहीं होगा। अन्य दलों के लिए यह एक अवसर है कि वे जेडीयू से सीट छीनकर अपनी स्थिति को मजबूत करें। इस बार का चुनाव खास है, क्योंकि कई नई राजनीतिक पार्टियां जैसे जन सुराज अपनी किस्मत आजमा रही हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता किस पार्टी को कितना समर्थन देते हैं।


झाझा सीट का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

झाझा विधानसभा सीट का गठन 1951 में हुआ था। तब से अब तक हुए चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने यहां 7 बार जीत हासिल की है। इसके बाद जेडीयू और उसकी पूर्ववर्ती समता पार्टी ने 5 बार जीत दर्ज की। समाजवादी पार्टी और संयुक्त समाजवादी पार्टी ने 3-3 बार जीत हासिल की है। जनता दल, जनता पार्टी और भारतीय जनता पार्टी को यहां 1-1 बार जीत मिली है। इस बार झाझा सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है, जहां कुल 3.38 लाख मतदाता हैं।