झांसी रेलवे स्टेशन पर नवजात बच्ची का शव मिलने से मचा हड़कंप
वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन पर दिल दहला देने वाली घटना
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन पर एक अत्यंत दुखद घटना घटी है। साबरमती एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 19167) जो अहमदाबाद से वाराणसी जा रही थी, के थर्ड एसी कोच से एक नवजात बच्ची का शव बरामद हुआ। रेलवे पुलिस को तुरंत सूचित किया गया, जो घटना स्थल पर पहुंची और जांच शुरू की।
सूत्रों के अनुसार, सफाईकर्मियों ने ट्रेन के थर्ड एसी इकॉनमी कोच M-1 के टॉयलेट के नीचे लगे सेप्टिक टैंक पर शव देखा। इसकी सूचना जीआरपी कंट्रोल रूम को दी गई, जिसके बाद उपनिरीक्षक बृजेंद्र सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। वहां का दृश्य सभी के लिए भयावह था, क्योंकि बच्ची का शव टॉयलेट की गंदगी में लिपटा हुआ था।
क्या ट्रेन में किसी महिला ने दिया बच्ची को जन्म?
बच्ची का शव मृत अवस्था में था और उसका शरीर नीला पड़ चुका था। जीआरपी ने कोच में मौजूद यात्रियों से पूछताछ की, लेकिन किसी को भी बच्ची के बारे में जानकारी नहीं थी। पुलिस का मानना है कि संभवतः किसी महिला यात्री ने ट्रेन में बच्ची को जन्म दिया और समाज के डर से उसे टॉयलेट टैंक में छोड़ दिया। यह भी संभावना है कि बच्ची जीवित थी और दमघोंटू स्थिति में तड़पते हुए उसकी मृत्यु हो गई।
पुलिस ने बच्ची के शव को कब्जे में लेकर झांसी जीआरपी को मोर्चरी भेज दिया है। मौत के असली कारण का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चलेगा। यह देखना होगा कि बच्ची मृत पैदा हुई थी या जन्म के बाद उसकी हत्या की गई।
जीआरपी की सक्रियता और मां की खोज
जीआरपी ने बच्ची की तस्वीरें ट्रेन के पूरे रूट पर स्थित स्टेशनों को भेजी हैं ताकि यदि किसी यात्री या रेलवे स्टाफ को मां के बारे में कोई जानकारी मिले, तो जांच में मदद मिल सके। इस घटना ने समाज में एक बार फिर उस कड़वे सच को उजागर किया है, जहां अनचाहे बच्चे, विशेषकर लड़कियां, माता-पिता की बेरहमी और समाज के तिरस्कार का शिकार बनते हैं।
झांसी में इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था, सामाजिक संवेदनशीलता और मानवीय रिश्तों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सभी की नजरें पुलिस की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं।