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झांसी में प्रेम प्रसंग के चलते हुई हत्या का सनसनीखेज खुलासा

झांसी में रचना यादव की हत्या के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। पूर्व ग्राम प्रधान संजय पटेल ने अपनी प्रेमिका के शव को टुकड़ों में काटने के लिए एक लाख रुपये का सौदा किया था। पुलिस ने इस मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जानें इस सनसनीखेज हत्या की पूरी कहानी और इसके पीछे की साजिश।
 

झांसी में रचना यादव की हत्या का मामला

झांसी में रचना यादव की सिर कटी लाश के मामले में एक नया मोड़ आया है। तीसरे आरोपी ने पुलिस को कई चौंकाने वाले तथ्य बताए हैं। पूर्व ग्राम प्रधान ने अपनी प्रेमिका के शव को टुकड़ों में काटने के लिए एक लाख रुपये का सौदा किया था।



झांसी के टोड़ी फतेहपुर के किशोरपुरा गांव में रचना यादव की हत्या के मामले में पुलिस मुठभेड़ में घायल बदमाश प्रदीप उर्फ दीपक अहिरवार ने कई सनसनीखेज खुलासे किए। पूछताछ में उसने बताया कि रचना के प्रेमी, पूर्व ग्राम प्रधान संजय पटेल ने उसके शरीर को टुकड़ों में काटने के लिए 15 हजार रुपये की अग्रिम राशि के साथ एक लाख रुपये का सौदा किया था।


पैसा मिलने से पहले ही संजय को गिरफ्तार कर लिया गया। प्रदीप भी मुठभेड़ में घायल होकर पुलिस के हाथों पकड़ा गया।


प्रदीप ने बताया कि 9 अगस्त को उसने संजय पटेल और उसके भतीजे संदीप पटेल के साथ मिलकर रचना की हत्या की। रचना ने संजय पर शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया था।


संजय पटेल रचना के गर्भवती होने की आशंका से परेशान था और उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई। संदीप ने प्रदीप को भी इस साजिश में शामिल कर लिया। शिनाख्त मिटाने के लिए संजय ने रचना के शव को टुकड़ों में काटकर फेंकने का आदेश दिया।


उसे 15 हजार रुपये की पेशगी दी गई थी और काम पूरा होने पर एक लाख रुपये देने का वादा किया गया। 9 अगस्त को रचना को रामराजा अस्पताल से डिस्चार्ज कराने के बाद संजय, संदीप और प्रदीप ने उसे कार में बैठाया।


संजय ने मौके का फायदा उठाते हुए रचना का गला घोंट दिया। इसके बाद संदीप की मदद से प्रदीप ने शव को टुकड़ों में काटकर कुएं में फेंक दिया। हत्या के चार दिन बाद, 13 अगस्त को पुलिस ने विनोद पटेल के खेत से रचना का बंटा हुआ शव बरामद किया।


महिला की सिर कटी लाश की पहचान के मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि रचना की हत्या प्रेम प्रसंग के चलते हुई थी। संजय पटेल ने अपने भतीजे और दोस्त की मदद से यह हत्या की।


रचना ने संजय पर शादी का दबाव बनाया था, जिससे वह परेशान था। हत्या के बाद शव को टुकड़ों में काटकर कुएं में फेंक दिया गया। सिर और पांव को पहचान मिटाने के लिए लखेरी नदी में फेंका गया।


पुलिस ने संजय और उसके भतीजे को गिरफ्तार किया, जबकि प्रदीप पहले फरार था। उसे भी मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया।


13 अगस्त को दो बोरियों में महिला का टुकड़ों में बंटा शव मिला था। पुलिस ने सिर की तलाश के लिए कुएं को खाली कराया, लेकिन सिर नहीं मिला।


रचना का फोन भी स्विच ऑफ था। पुलिस ने उसकी तलाश में महेबा गांव पहुंचकर उसके भाई दीपक से संपर्क किया। दीपक ने अपनी बहन की तलाश की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला।


रात में शव के टुकड़े कर कुएं में फेंके गए थे। संजय ने रचना की हत्या की बात कुबूल की।


रचना की पहली शादी टीकमगढ़ में हुई थी, जहां से उसके दो बच्चे हैं। बाद में उसका संबंध महेबा गांव के शिवराज यादव से हुआ। रचना ने शिवराज के बड़े भाई पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था।