जैन गुरु लोकेश मुनि ने अरशद मदनी के बयान की आलोचना की
अरशद मदनी के बयान पर विवाद
गुरु आचार्य लोकेश मुनि और अरशद मदनी.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी के हालिया बयान पर व्यापक विरोध हो रहा है। विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ-साथ धार्मिक नेताओं ने भी उनके विचारों की निंदा की है। जैन गुरु आचार्य लोकेश मुनि ने मदनी के बयान को अनुचित करार दिया है। उन्होंने कहा कि APJ अब्दुल कलाम, जो इस देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं, के बारे में ऐसी बातें करना नासमझी है। मदनी को इस तरह की टिप्पणियों से बचना चाहिए।
आचार्य लोकेश मुनि ने यह भी कहा कि अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बनाने का कारण उनकी देशभक्ति थी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति देश की एकता को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करता है, तो उसे सजा मिलनी चाहिए। यह केवल चांसलर या वाइस चांसलर तक सीमित नहीं है, बल्कि सबसे बड़े व्यक्तियों को भी इसके लिए दंडित किया जाएगा।
भारत की कानून व्यवस्था पर गर्व
आचार्य लोकेश मुनि ने भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली की सराहना की। उन्होंने कहा कि यहां कानून का शासन है और सभी के साथ उचित व्यवहार किया जाता है। वे स्वयं अल्पसंख्यक जैन समुदाय से हैं, लेकिन उन्हें अपने देश और इसकी कानून व्यवस्था पर गर्व है। उन्होंने मदनी को सलाह दी कि उन्हें देश के लोगों को एकजुट करने की बात करनी चाहिए।
अरशद मदनी के विवादास्पद बयान
मौलाना अरशद मदनी ने कहा था कि कई बड़े शहरों में मुसलमान मेयर बन सकते हैं, जैसे लंदन और न्यूयॉर्क। लेकिन भारत में किसी मुसलमान को विश्वविद्यालय का चांसलर बनने का अवसर नहीं मिलता। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यदि कोई ऐसा प्रयास करता है, तो उसे आजम खान जैसी सजा का सामना करना पड़ता है।