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जेमिमा रोड्रिग्स की शानदार पारी से भारत ने वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में बनाई जगह

जेमिमा रोड्रिग्स ने 127 रनों की शानदार पारी खेलकर भारत को ICC महिला वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा दिया है। यह उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर यात्रा का एक महत्वपूर्ण क्षण है, खासकर जब उन्हें एक साल पहले खार जिमखाना क्लब से बाहर कर दिया गया था। जेमिमा ने अपनी जीत के बाद अपने संघर्ष और बाइबिल के प्रति अपने विश्वास का जिक्र किया। जानें इस युवा क्रिकेटर की कहानी और उनके पिता पर लगे आरोपों के बारे में।
 

जेमिमा की ऐतिहासिक पारी

पिता पर लगे थे ‘धर्मांतरण’ के आरोप

जेमिमा रोड्रिग्स ने 127 रनों की शानदार पारी खेलकर भारत को ICC महिला वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा दिया है। यह भारत का तीसरा मौका है जब वह वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचा है। जेमिमा की इस जीत में महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिसके बाद उनकी आंखों में आंसू थे। हालांकि, उन्हें एक साल पहले खार जिमखाना क्लब से बाहर कर दिया गया था, जिससे वह अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाईं। यह क्लब मुंबई के सबसे पुराने क्लबों में से एक है। भारत की जीत के बाद जेमिमा फिर से चर्चा में आ गई हैं।

महिला वनडे वर्ल्ड कप के नॉकआउट चरण में यह पहला अवसर है जब किसी टीम ने 300 से अधिक का सफल लक्ष्य हासिल किया है। जेमिमा को पिछले साल अक्टूबर में खार जिमखाना क्लब से बाहर किया गया था, जब उनके पिता इवान पर कई आरोप लगाए गए थे।

सुविधाओं का बंद होना

क्लब से बाहर होने के बाद जेमिमा को मिलने वाली कई सुविधाएं समाप्त हो गई थीं, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान हो गई थीं। उन्होंने अपनी जीत के बाद कहा कि उन्हें केवल बाइबल का सहारा मिला। जेमिमा ने 116 गेंदों पर नाबाद 127 रन बनाकर भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 339 रनों का लक्ष्य हासिल करने में मदद की।

भारत की जीत के बाद जेमिमा ने अपने फैंस और भगवान का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह बाइबिल में लिखी एक बात को याद कर रही थीं कि चुपचाप खड़े रहो और भगवान उनके लिए लड़ेंगे।

पूरा मामला क्या था?

खार जिमखाना मुंबई के सबसे पुराने क्लबों में से एक है। कुछ सदस्यों ने आरोप लगाया था कि जेमिमा के पिता विवान रोड्रिग्ज धार्मिक गतिविधियों के लिए क्लब का उपयोग कर रहे थे और लोगों का धर्म परिवर्तन करने की कोशिश कर रहे थे। रिपोर्ट के अनुसार, जेमिमा के पिता ने एक साल में इस तरह के 35 आयोजन क्लब में किए थे, जिसके कारण उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई।

क्लब के नियमों के अनुसार, धार्मिक और राजनीतिक गतिविधियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। यह मामला तब सामने आया जब क्लब के पूर्व अध्यक्ष नितिन गाडेकर ने इन आयोजनों के बारे में जानकारी दी।

सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव

जेमिमा के पिता पर लगे आरोपों के बाद सदस्यों की एक बैठक बुलाई गई, जिसमें सभी आरोपों पर चर्चा की गई। शिकायतों की समीक्षा के बाद सदस्यता समाप्त करने का प्रस्ताव लाया गया, और अधिकांश सदस्यों ने क्लब से बाहर करने का निर्णय लिया। जेमिमा को 2023 में तीन साल के लिए क्लब की सदस्यता दी गई थी। इस फैसले पर लोगों की अलग-अलग राय थी, लेकिन टीम इंडिया की जीत में उनकी भूमिका के बाद लोग उनका समर्थन कर रहे हैं।

जेमिमा की प्रतिक्रिया

भारत की जीत के बाद जेमिमा ने कहा, "पिछली बार मुझे वर्ल्ड कप से बाहर कर दिया गया था, लेकिन इस बार मुझे मौका मिला है। मेरे मददगार यहां बहुत थे। मैं मानसिक रूप से परेशान थी और हर दिन रोई। मैंने बाइबिल का अध्ययन किया और इससे मुझे मदद मिली। मुझे लगता है कि मुझे बस मैदान पर उतरना था और भगवान ने सब कुछ संभाल लिया।"