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जेएनयू छात्र संघ ने मेस में बैठने की व्यवस्था पर उठाए सवाल

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ने माही-मांडवी छात्रावास के अध्यक्ष पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मेस में शाकाहारी और मांसाहारी छात्रों के लिए अलग बैठने की व्यवस्था की है। इस कदम को छात्र संघ ने विभाजनकारी और परेशान करने वाला बताया है। प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, जबकि छात्र संघ ने इस मुद्दे को उठाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और छात्र संघ की प्रतिक्रिया।
 

छात्र संघ का आरोप

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने बुधवार को यह आरोप लगाया कि माही-मांडवी छात्रावास के अध्यक्ष, जो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हैं, ने मेस में शाकाहारी और मांसाहारी छात्रों के लिए अलग-अलग बैठने की व्यवस्था लागू की है। इस कदम को छात्र संघ ने 'परेशान करने वाला' और 'विभाजनकारी' करार दिया।


प्रशासन की चुप्पी

इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई तात्कालिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। जेएनयूएसयू ने एक बयान जारी करते हुए कहा, 'हमारे छात्रावासों में कोई अलगाव नहीं'। उन्होंने कहा कि यह कदम छात्र समुदाय के बीच सौहार्द को तोड़ने का एक प्रयास है।


भेदभाव का आरोप

जेएनयूएसयू ने इस कदम को समावेशी शैक्षणिक माहौल में 'खाद्य-आधारित भेदभाव' लाने का प्रयास बताया। छात्र संघ ने सभी छात्रों से इस विभाजनकारी प्रयास का विरोध करने और एबीवीपी की नफरत और अलगाव की राजनीति की निंदा करने का आग्रह किया। इसके साथ ही, छात्र संघ ने छात्रावास के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया। बाद में, जेएनयूएसयू ने प्रशासन के समक्ष इस मुद्दे को उठाने की जानकारी दी।