जितिया व्रत: जानें नोनि साग बनाने की सरल विधि
जितिया व्रत का महत्व
इस वर्ष जितिया व्रत 14 सितंबर को मनाया जाएगा। यह मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है। माताएँ इस व्रत को अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। इस दिन माताएँ पूरे दिन निर्जला उपवास करती हैं और भगवान जिमुतवाहन की पूजा करती हैं। इस उपवास से एक दिन पहले नहाई-खाई होती है, जिसमें महिलाएँ नोनि साग का सेवन करती हैं (जितिया व्रत का भोजन)।
नोनि साग का महत्व
वास्तव में, नोनि साग और मडुआ रोटी का इस व्रत में बहुत महत्व है। नोनि साग का धार्मिक महत्व है और यह स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यदि आप भी जितिया व्रत का पालन कर रहे हैं और इसके लिए नोनि साग बनाना चाहते हैं, तो यहाँ हम इसकी बहुत आसान विधि बता रहे हैं (नोनि साग की विधि)। आइए जानते हैं कि नोनि साग कैसे बनाया जाता है।
नोनि साग बनाने की विधि
सामग्री-
1 गुच्छा नोनि साग
2-3 हरी मिर्च
जीरा और मेथी के दाने
हल्दी पाउडर
स्वादानुसार नमक
सरसों का तेल
2 सूखी लाल मिर्च
बनाने की विधि-
सबसे पहले, नोनि साग को अच्छे से धोकर साफ करें। इसके पत्तों को तोड़कर हरी मिर्च को बारीक काट लें।
अब नोनि साग को बारीक काट लें।
इसके बाद, एक कढ़ाई में थोड़ा सरसों का तेल गरम करें। जब तेल गर्म हो जाए, तो उसमें जीरा और मेथी के दाने डालें। जब ये भुन जाएं, तो इसमें कटी हुई हरी मिर्च डालें। यदि चाहें, तो सूखी लाल मिर्च भी डाल सकते हैं।
इसके बाद, कटी हुई नोनि साग और स्वादानुसार नमक और हल्दी डालें।
साग को अच्छे से मिलाएं ताकि नमक और मसाले अच्छे से मिल जाएं।
कढ़ाई को ढककर साग को धीमी आंच पर पकाएं जब तक यह नरम न हो जाए और इसका पानी सूख न जाए। इसमें लगभग 5-10 मिनट लगेंगे। बीच-बीच में साग को चलाते रहें ताकि यह जल न जाए।
जब साग अच्छे से पक जाए और पानी सूख जाए, तो गैस बंद कर दें।
नोनि का साग तैयार है। इसे मडुआ रोटी के साथ खाएं।
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