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जरीन खान का अंतिम संस्कार: हिंदू रीति-रिवाज से विदाई का कारण

जरीन खान, जो संजय खान की पत्नी थीं, का 7 नवंबर को निधन हो गया। उनके अंतिम संस्कार में हिंदू रीति-रिवाज अपनाने के पीछे की कहानी जानें। जरीन की अंतिम इच्छा और पारसी परंपरा के बारे में जानकर आपको इस विषय में और अधिक जानकारी मिलेगी। क्या आप जानते हैं कि क्यों उनके बेटे ने इस तरह से विदाई दी? पढ़ें पूरी कहानी।
 

जरीन खान का अंतिम संस्कार

जरीन खान का अंतिम संस्कार

प्रसिद्ध अभिनेता संजय खान की पत्नी जरीन खान ने 7 नवंबर को 81 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। इस दुखद समाचार के बाद फिल्म उद्योग में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर जरीन के अंतिम संस्कार की वीडियो क्लिप्स सामने आई हैं, जिसमें उनके बेटे जायद खान हाथ में मटका लिए और गले में जनेऊ पहने हुए दिखाई दे रहे हैं। इस दृश्य ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार क्यों किया गया।

जरीन खान लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। रिपोर्ट्स के अनुसार, जरीन की चिता को अग्नि दी गई है। इस पर लोगों का सवाल है कि यदि जरीन पारसी थीं और संजय खान मुस्लिम हैं, तो उनका हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार क्यों हुआ। इसका कारण यह है कि जरीन की इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार हिंदू परंपरा के अनुसार किया जाए।

अंतिम संस्कार का कारण

जरीन पारसी थीं और पारसी परंपरा के अनुसार अंत्येष्टि में दोखमेनाशिनी की जाती है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति के शरीर को टॉवर ऑफ साइलेंस पर रखा जाता है, जहां गिद्ध उसे खाते हैं। हालांकि, यह प्रथा अब लगभग समाप्त हो चुकी है, और अधिकांश पारसी परिवार अब या तो अंतिम संस्कार करते हैं या दफनाते हैं। इसी कारण जरीन का अंतिम संस्कार किया गया। वायरल वीडियो में जायद खान काफी भावुक नजर आ रहे हैं। फिल्म इंडस्ट्री के कई सितारे जरीन को अंतिम विदाई देने पहुंचे हैं।

फिल्मों में योगदान

संजय खान और जरीन की प्रेम कहानी भी काफी चर्चित रही है। दोनों ने डेटिंग के बाद शादी की और उनके चार बच्चे हुए: सुजैन खान, सिमोन अरोरा, फराह अली खान और जायद खान। जरीन ने फिल्मों में भी अपनी किस्मत आजमाई, जिसमें 'तेरे घर के सामने' और 'एक फूल दो माली' जैसी फिल्में शामिल हैं। हालांकि, बाद में उन्होंने इंटीरियर डिजाइनर और लेखक के रूप में अपनी पहचान बनाई।