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जयपुर में सुरक्षा समन्वय सेमिनार 2025: आत्मनिर्भरता और नवाचार पर जोर

जयपुर में 10-11 नवंबर 2025 को आयोजित सुरक्षा समन्वय सेमिनार ने आत्मनिर्भरता और नवाचार पर जोर दिया। इस सेमिनार में प्रमुख सैन्य रणनीतिकारों, पूर्व सैनिकों और छात्रों ने भाग लिया। सेमिनार में वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य, उभरते खतरे और 'होल ऑफ नेशन अप्रोच' के महत्व पर चर्चा की गई। इसके अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक कार्ययोजना का प्रस्ताव भी रखा गया। जानें इस महत्वपूर्ण सेमिनार के प्रमुख निष्कर्ष और सुझाव।
 

सुरक्षा समन्वय सेमिनार का आयोजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों से प्रेरित होकर, जो कि जॉइंटनेस, आत्मनिर्भरता और नवाचार पर आधारित हैं, 10-11 नवंबर 2025 को जयपुर सैन्य स्टेशन में 'ए होल ऑफ नेशन अप्रोच टू काउंटर फ्यूचर कॉन्फ्लिक्ट्स' विषय पर देश का पहला सुरक्षा समन्वय सेमिनार आयोजित किया गया। यह आयोजन सप्त शक्ति कमान और सेंटर फॉर लैंड वॉरफेयर स्टडीज, नई दिल्ली के सहयोग से किया गया।


सेमिनार का उद्घाटन और मुख्य बिंदु

सप्त शक्ति कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मंजिंदर सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में वैश्विक परिदृश्य की अस्थिरता और शक्ति संतुलन में बदलाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने रूस-यूक्रेन और इज़राइल-हमास संघर्षों का उदाहरण देते हुए कहा कि भविष्य के युद्धों में केवल सैन्य बल ही नहीं, बल्कि आर्थिक, नागरिक और सूचना क्षेत्र भी लक्षित होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि आधुनिक युद्ध पारंपरिक सीमाओं से परे जाकर लड़ा जा रहा है, जिसमें सभी राष्ट्रीय शक्ति के घटक शामिल हैं।


सेमिनार में भागीदारी

इस सेमिनार में 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख सैन्य रणनीतिकार, पूर्व सैनिक, डिप्लोमेट्स, उद्योग विशेषज्ञ और विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र शामिल थे। चार सत्रों में विभाजित इस सेमिनार में 'व्होल ऑफ नेशन अप्रोच' के महत्व, उभरते खतरों और इसके कार्यान्वयन पर चर्चा की गई।


मुख्य निष्कर्ष और सुझाव

सेमिनार के प्रमुख निष्कर्षों में सूचना के महत्व, क्षमता विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक कार्ययोजना का प्रस्ताव शामिल था। इसमें अंतर-एजेंसी समन्वय को मजबूत करने और स्वदेशी क्षमताओं के विकास की सिफारिश की गई। राजस्थान संबंधी सत्र में सैन्य-नागरिक समन्वय को और मजबूत करने की आवश्यकता पर सहमति बनी।


आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम

यह सुरक्षा समन्वय सेमिनार आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों के अनुरूप सैन्य तैयारियों को जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ। सेमिनार ने एक एकीकृत राष्ट्रीय ढांचे की शुरुआत के लिए आधार प्रदान किया और भारत की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करने के लिए एक ठोस मार्ग सुझाया।


सेमिनार का चित्र