जयपुर में लेपर्ड की दहशत: लाल बहादुर नगर कॉलोनी में रातभर चला सर्च ऑपरेशन
दुर्गापुरा में लेपर्ड का आतंक
राजधानी जयपुर के दुर्गापुरा स्थित लाल बहादुर नगर कॉलोनी में शुक्रवार रात अचानक एक लेपर्ड के दिखाई देने से हड़कंप मच गया। यह लेपर्ड कॉलोनी की सड़कों पर घूमता रहा और गाड़ियों की लाइट देखते ही एक घर से दूसरे घर में कूदता रहा। लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर नहीं निकले। सूचना मिलने पर पुलिस और वन विभाग की टीम ने पूरी रात रेस्क्यू अभियान चलाया, लेकिन लेपर्ड को पकड़ने में सफलता नहीं मिली।
पहली बार देखा गया लेपर्ड
शुक्रवार रात लगभग 1:20 बजे, पूर्व आइएएस विनोद अजमेरा की बहू स्नेहा अजमेरा ने सबसे पहले लेपर्ड को देखा। उन्होंने तुरंत गाड़ी रोककर लाइट बंद कर दी और कॉलोनीवासियों तथा पुलिस को सूचना दी। देखते ही देखते लोग जाग गए, लेकिन कोई भी डर के मारे बाहर नहीं आया। पुलिस ने कॉलोनी में आवागमन रोक दिया और रातभर सर्च अभियान जारी रहा। सुबह दूध वाले भी अपनी ड्यूटी दो घंटे देर से शुरू कर पाए।
सुबह फिर मची हलचल
सुबह करीब 11:30 बजे कॉलोनी के एक खाली प्लॉट से कूदने की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद लोगों ने वन विभाग को फिर से सूचना दी। टीम मौके पर पहुंची और खाली प्लॉट तथा निर्माणाधीन बेसमेंट की तलाशी ली। टीम ने पटाखे फोड़कर लेपर्ड को बाहर निकालने की कोशिश की, जबकि लोग अपने घरों की बालकनी और खिड़कियों से झांकते रहे।
कॉलोनी में सन्नाटा
मुख्य वन संरक्षक टी. मोहन राज और डीएफओ विजयपाल सिंह भी मौके पर पहुंचे। टीम के जाने के बाद भी कॉलोनी लगभग सुनसान नजर आई। कॉलोनीवासियों के बीच रात से ही वाट्सऐप ग्रुप पर जानकारी का आदान-प्रदान चलता रहा। पूर्व सांसद रामचरण बोहरा के घर के पास भी लेपर्ड कैमरे में कैद हुआ, जिसके बाद उन्होंने कॉलोनी में नोटिस चस्पा कर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी।
पगमार्क की खोज
जिस घर में लेपर्ड ने छलांग लगाई, वहां पगमार्क मिले। पास में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, ख्वाजा जी बाग में भी पगमार्क पाए गए।
मादा लेपर्ड की संभावना
वन अधिकारियों के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यह मादा लेपर्ड प्रतीत हो रही है, जिसकी घुसपैठ संभवतः पास स्थित गोशाला क्षेत्र से हुई। गोशाला से इस कॉलोनी की दूरी महज डेढ़ किलोमीटर है।
चौबीस घंटे निगरानी
रेंजर जितेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि कॉलोनी और आसपास के क्षेत्रों में अब 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी। वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर समेत रेस्क्यू टीम को अलर्ट पर रखा गया है।
डर के वो पल
‘जैसे ही हमने गली में प्रवेश किया, सामने लेपर्ड घूमता नजर आया। ड्राइवर ने तुरंत गाड़ी रोककर लाइट बंद कर दी, तो लेपर्ड ने पास के प्लॉट में छलांग लगा दी। मैंने तुरंत ससुर विनोद अजमेरा को फोन कर सूचना दी और कॉलोनीवासियों को जगाया। -स्नेहा अजमेरा, पूर्व आईएएस की बहू
रात सवा तीन बजे पड़ोसियों का फोन आया कि हमारे घर में लेपर्ड है। डर के मारे हमने सिर्फ लाइट जलाई और खिड़की से झांकते रहे। सुबह 6:30 बजे तक बाहर नहीं निकले और बच्चों को दिनभर घर में ही रखा। -श्यामा देवी अग्रवाल
रातभर कोई नहीं सोया। दोपहर में सामने के प्लॉट में किसी के कूदने की आवाज आई तो फिर डर बैठ गया। -नीलम शाह
लगातार मूवमेंट
अगस्त से अब तक एमएनआइटी, एनबीसी फैक्टरी (गोपालपुरा) और आसपास की गोशाला में लेपर्ड की गतिविधि कई बार दर्ज की जा चुकी है। विभाग ने तीनों स्थानों पर पिंजरे लगा रखे हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है।
झालाना से कनेक्टिविटी
वन अधिकारियों का कहना है कि झालाना लेपर्ड सफारी क्षेत्र से लेकर गोपालपुरा और दुर्गापुरा तक नालों, पार्कों और खाली प्लॉटों में प्राकृतिक कनेक्टिविटी है। संभवतः यही रास्ता पकड़कर यह लेपर्ड गोशाला क्षेत्र से कॉलोनी तक आ पहुंचा होगा। -विजयपाल सिंह, डीएफओ