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जयपुर में युवा कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन: लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प

जयपुर में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने वोट चोरी, किसान मुद्दों और बेरोजगारी के खिलाफ आवाज उठाई। भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भानु चिब ने लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प लिया। इस दौरान, 272 प्रतिष्ठित नागरिकों ने राहुल गांधी के खिलाफ एक खुला पत्र जारी किया, जिसमें उनके आरोपों की निंदा की गई। पत्र में चुनाव आयोग पर हमलों और सशस्त्र बलों की वीरता पर उठाए गए सवालों का भी उल्लेख किया गया। यह विरोध प्रदर्शन लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
 

युवा कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

गुरुवार को जयपुर में राजस्थान युवा कांग्रेस के सदस्यों ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर "वोट चोरी", किसानों के मुद्दों और बेरोजगारी के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। इस दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर पानी की बौछारें कीं। भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने इस अवसर पर कहा कि उनका संगठन देश के लोकतंत्र को "नष्ट" नहीं होने देगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनके सदस्य किसी भी प्रकार के डर से प्रभावित नहीं हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए निरंतर प्रयास करेंगे।


उदय भानु चिब का बयान

पत्रकारों से बातचीत करते हुए, चिब ने कहा कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि दिन के पहले हिस्से में, 272 से अधिक प्रतिष्ठित नागरिकों ने राहुल गांधी द्वारा "राष्ट्रीय संवैधानिक प्राधिकारियों पर बार-बार हमले" की निंदा करते हुए एक खुला पत्र जारी किया। इस पत्र में 16 न्यायाधीशों, 123 सेवानिवृत्त नौकरशाहों और 14 राजदूतों का नाम शामिल है।


खुले पत्र में उठाए गए मुद्दे

पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस नेता वास्तविक नीतिगत विकल्प पेश करने के बजाय निराधार आरोप लगाने में लगे हुए हैं। इसमें सशस्त्र बलों की वीरता और न्यायपालिका की निष्पक्षता पर उठाए गए सवालों की निंदा की गई है। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि चुनाव आयोग "अपनी ईमानदारी और प्रतिष्ठा पर व्यवस्थित और षड्यंत्रकारी हमलों" का सामना कर रहा है।


राहुल गांधी के आरोप

खुले पत्र में यह भी कहा गया है कि राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर बार-बार हमले किए हैं और वोट चोरी में शामिल होने के स्पष्ट सबूत होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि उनके पास 100 प्रतिशत सबूत हैं और यह भी कहा कि जो जानकारी उनके पास है, वह एक परमाणु बम के समान है।


आरोपों की गंभीरता

पत्र में यह भी बताया गया है कि इन तीखे आरोपों के बावजूद, उन्होंने निर्धारित शपथ पत्र के साथ कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है। यह आरोप लगाया गया है कि यह सब निराधार आरोप लगाने और लोक सेवकों को धमकाने के लिए अपनी जवाबदेही से बचने का प्रयास है। पत्र में अन्य समूहों की भी आलोचना की गई है, जिसमें कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों के वरिष्ठ व्यक्ति शामिल हैं।