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जयपुर में नई एलिवेटेड रोड से यातायात में सुधार की उम्मीद

राजस्थान सरकार ने यातायात कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए नई एलिवेटेड रोड बनाने की योजना बनाई है। यह परियोजना जयपुर में संस्थान पथ तिराहे से जगतपुरा आरओबी तक फैलेगी, जिससे यात्रा का समय कम होगा और ट्रैफिक लाइट्स पर रुकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। जानें इस महत्वपूर्ण विकास के बारे में और कैसे यह स्थानीय लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
 

राजस्थान में यातायात कनेक्टिविटी में सुधार

राजस्थान में एलिवेटेड रोड: राज्य सरकार यातायात कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। आने वाले समय में लोगों को यात्रा में आसानी मिलने की संभावना है।



राजस्थान समाचार: राज्य में यातायात कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है, जिससे यात्रा का समय कम होगा। एलिवेटेड रोड के निर्माण से संस्थान पथ तिराहे पर रुकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अपेक्स सर्कल और बालाजी तिराहे पर वाहन रोकने की जरूरत नहीं होगी।


जयपुर के झालाना बाइपास से जगतपुरा और महल रोड तक पहुंचना आसान होगा। जेडीए लगभग तीन किलोमीटर लंबी एलिवेटेड सड़क बनाने की योजना बना रहा है। अधिकारियों के अनुसार, यह सड़क संस्थान पथ तिराहे (RCI) से जगतपुरा आरओबी तक बनाई जाएगी।


इस योजना के तहत तीन ट्रैफिक लाइटों और एक सर्कल पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी। जवाहर सर्कल की ओर गाड़ी सीधे मुख्य मार्ग से जा सकेगी। इस एलिवेटेड रोड के निर्माण पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है।


अपेक्स सर्कल पर रुकने की आवश्यकता नहीं


जयपुर में नई एलिवेटेड रोड के निर्माण से संस्थान पथ तिराहे पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी। अपेक्स सर्कल और बालाजी तिराहे पर वाहन रोकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। Jugalpura Road पर भी ट्रैफिक लाइट समाप्त हो जाएगी। वाहन चालक जगतपुरा आरओबी से सीधे महल रोड पर पहुंच सकेंगे।


वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है


जगतपुरा की जनसंख्या में वृद्धि हो रही है। पीक आवर्स में महल रोड पर वाहनों की संख्या बढ़ रही है। इस बढ़ते दबाव को ध्यान में रखते हुए जेडीए ने यह योजना बनाई है।


सावधानी से उठाए जा रहे कदम


पिछले बजट में, अम्बेडकर सर्कल से जवाहर सर्कल तक सबसे लंबी एलिवेटेड रोड की घोषणा की गई थी। प्रारंभिक रिपोर्टों में कहा गया था कि इससे JLN रोड की सुंदरता प्रभावित होगी। बाद में यह परियोजना टोंक रोड पर स्थानांतरित कर दी गई। जेडीए ने इस पर फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की, जिसमें लगभग 86 लाख रुपये खर्च हुए। जेडीए ने अन्य घोषणाओं पर भी तेजी से काम नहीं किया है।