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जयपुर में ड्रोन उड़ाने पर नई पाबंदियाँ: पुलिस की सख्ती

जयपुर में ड्रोन उड़ाने पर नई पाबंदियाँ लागू की गई हैं। पुलिस ने बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। सुरक्षा एजेंसियों की चेतावनी के बाद, ड्रोन के संचालन को नियंत्रित करने के लिए निषेधाज्ञा जारी की गई है। विभिन्न श्रेणियों में ड्रोन को वर्गीकृत किया गया है और उड़ान भरने के लिए डीजीसीए से अनुमति लेना अनिवार्य है। जानें इस विषय में और क्या-क्या नियम हैं और क्यों जयपुर को संवेदनशील क्षेत्र माना गया है।
 

जयपुर में ड्रोन उड़ाने पर सख्त नियम

राजधानी जयपुर में बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने वालों के खिलाफ पुलिस ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। सुरक्षा एजेंसियों की चेतावनी के बाद, जयपुर के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर डॉ. रामेश्वर सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा जारी की है। इस आदेश के तहत विभिन्न आयोजनों में ड्रोन के संचालन को नियंत्रित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ड्रोन के उपयोग में वृद्धि के कारण कई अवांछनीय घटनाएँ भी सामने आई हैं। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा समय-समय पर ड्रोन के दुरुपयोग के संबंध में चेतावनी दी जाती रही है।


ड्रोन की श्रेणियाँ

पांच श्रेणियों में वर्गीकृत: डॉ. रामेश्वर सिंह ने बताया कि डीजीसीए के मैन्युअल और विमानन मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, ड्रोन को पांच श्रेणियों में बांटा गया है। नैनो ड्रोन का वजन 250 ग्राम या उससे कम होता है, जबकि माइक्रो ड्रोन का वजन 250 ग्राम से दो किलो के बीच होता है। दो किलो से 25 किलो तक के ड्रोन को स्मॉल श्रेणी में रखा गया है, 25 किलो से 150 किलो के ड्रोन मध्यम श्रेणी में आते हैं, और 150 किलो से अधिक वजन वाले ड्रोन लार्ज श्रेणी में आते हैं।


डीजीसीए की अनुमति आवश्यक

अनुमति की प्रक्रिया: उन्होंने बताया कि माइक्रो, स्मॉल, मीडियम और लार्ज श्रेणी के ड्रोन उड़ाने के लिए डीजीसीए की वेबसाइट पर डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। इसके लिए डीजीसीए से यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर और अननेम्ड एयरक्राफ्ट ऑपरेटर परमिट प्राप्त करना आवश्यक है, साथ ही उड़ान भरने से पहले भारत सरकार के गृह मंत्रालय से अनुमति लेना भी जरूरी है।


रेड जोन में ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी

जोनों का वर्गीकरण: डॉ. रामेश्वर सिंह ने बताया कि डीजीसीए ने जयपुर कमिश्नरेट क्षेत्र को रेड, यलो और ग्रीन जोन में विभाजित किया है। रेड जोन में ड्रोन उड़ाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है, जबकि यलो और ग्रीन जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए डीजीसीए से स्वीकृति आवश्यक है। बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने पर यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर और परमिट को निलंबित या रद्द किया जा सकता है, और पुलिस द्वारा दंडात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।


जयपुर की संवेदनशीलता

संवेदनशील क्षेत्र: उन्होंने कहा कि जयपुर में विभिन्न समारोहों, कार्यक्रमों और पर्यटन गतिविधियों के कारण यह क्षेत्र संवेदनशील है। इसलिए ड्रोन के उपयोग को नियंत्रित करना आवश्यक है। निषेधाज्ञा के तहत ड्रोन संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वे डीजीसीए की स्वीकृति के बिना किसी भी प्रकार के ड्रोन का संचालन न करें।


माइक्रो ड्रोन उड़ाने की शर्तें

उड़ान की शर्तें: नैनो ड्रोन से फोटोग्राफी करने के लिए संबंधित पुलिस थाने को 24 घंटे पहले सूचना देनी होगी। इस ड्रोन को 50 फीट (15 मीटर) से ऊपर नहीं उड़ाया जा सकेगा। नियंत्रण क्षेत्र में उड़ान नहीं होगी और आसपास मानव युक्त या मानव रहित विमान नहीं होना चाहिए। नियंत्रित क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने के लिए यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर और अनुमति आवश्यक होगी। ड्रोन को खुले क्षेत्र में उड़ाना होगा, लोगों और घरों के ऊपर नहीं। खराब मौसम में ड्रोन उड़ाने से बचना होगा और बैटरी कम होने पर उड़ान नहीं भरनी होगी।