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जयपुर में अवैध कॉलोनियों का बढ़ता संकट: JDA की चुनौतियाँ

जयपुर में अवैध कॉलोनियों का निर्माण तेजी से बढ़ रहा है, खासकर बाहरी क्षेत्रों में। सीकर रोड, आगरा रोड और अन्य स्थानों पर भू-माफिया सक्रिय हैं, जिससे JDA के सामने बड़ी चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं। प्रशासन की निष्क्रियता और स्टाफ की कमी के कारण अवैध निर्माणों पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो रहा है। जानें इस संकट की पूरी कहानी और इसके संभावित समाधान।
 

जयपुर में अवैध कॉलोनियों का बढ़ता संकट

जयपुर में अवैध कॉलोनियों का निर्माण तेजी से बढ़ रहा है, खासकर शहर के बाहरी क्षेत्रों में। सीकर रोड, आगरा रोड, दिल्ली रोड, कालवाड़ और सिरसी रोड पर कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियों का निर्माण हो रहा है।


ग्रामीण क्षेत्रों में भू-माफिया की सक्रियता

जेडीए क्षेत्र के विस्तार के साथ, ग्रामीण इलाकों में भी भू-माफिया के सक्रिय होने की संभावना है। जब जेडीए मास्टर प्लान को लागू करने का प्रयास करेगा, तब अधिकारियों को इन अवैध निर्माणों को हटाने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।


कॉलोनियों का निर्माण और प्रशासन की निष्क्रियता

वर्तमान में, बाहरी क्षेत्रों में कृषि भूमि पर कॉलोनियों का निर्माण हो रहा है, जबकि रोकथाम के लिए केवल औपचारिक कदम उठाए जा रहे हैं। नतीजतन, ये कॉलोनियां तेजी से विकसित हो रही हैं और लोग उनमें बसने भी लगते हैं।


आंखों देखा हाल: कॉलोनियों के नक्शे बाजार में

आगरा रोड: यहां बगराना क्षेत्र में शिवि विहार नामक अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही है, जिसमें न तो पार्क है और न ही कोई सार्वजनिक सुविधा।
सुमेल: राधा वल्लभ नगर-प्रथम नामक कॉलोनी में 111 भूखंडों का विकास किया जा रहा है, लेकिन यहां भी कोई सुविधा नहीं है।
कालवाड़ रोड: चम्पापुरा गांव में गोकुल नगर और सिरसी रोड पर नेहा रेजीडेंसी जैसी कॉलोनियां बन रही हैं।


कार्रवाई के बावजूद निर्माण जारी

5 नवंबर को जेडीए ने सीकर रोड पर अवैध वेयरहाउस प्रोजेक्ट को ध्वस्त किया था, लेकिन अब वहां फिर से निर्माण कार्य शुरू हो गया है।


प्रवर्तन में कमी और बढ़ता दायरा

अवैध कॉलोनियों पर नियंत्रण के लिए प्रवर्तन अधिकारियों की आवश्यकता है, लेकिन जेडीए में स्टाफ की कमी है। पिछले दो वर्षों से कई पद खाली हैं, जिससे प्रवर्तन टीमों की संख्या बढ़ाने में कठिनाई हो रही है।


वर्तमान स्थिति: अधूरी टीम

वर्तमान स्थिति: प्रवर्तन शाखा में 18 स्वीकृत पदों में से केवल 11 अधिकारी कार्यरत हैं। हाल ही में 11 नए पदों की मंजूरी दी गई है, लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है।