जयपुर मिलिट्री स्टेशन में ‘हॉल ऑफ नेशन अप्रोच’ पर विशेष सेमिनार का आयोजन
जयपुर में विशेष सेमिनार का उद्घाटन
जयपुर समाचार: भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए जयपुर मिलिट्री स्टेशन पर ‘हॉल ऑफ नेशन अप्रोच’ विषय पर दो दिवसीय विशेष सेमिनार आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन सेंटर फॉर लैंड वॉरफेयर स्टडीज (CLAWS) के सहयोग से किया गया है।
सप्त शक्ति ऑडिटोरियम में आयोजित इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य सशस्त्र बलों, नागरिक प्रशासन, उद्योग और शैक्षणिक क्षेत्र के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक समग्र ढांचा विकसित करना है।
इस सेमिनार में सप्त शक्ति कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह सहित सेना के वरिष्ठ अधिकारी, कूटनीतिज्ञ, प्रशासनिक अधिकारी और रणनीतिक विशेषज्ञ शामिल हुए हैं।
सेमिनार में चर्चा के मुख्य बिंदु
जयपुर मिलिट्री स्टेशन के सप्त शक्ति ऑडिटोरियम में ‘हॉल ऑफ नेशन अप्रोच’ सेमिनार के उद्घाटन के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने कहा कि आज युद्ध की प्रकृति में बदलाव आ चुका है। पहले केवल शत्रु की सेना या सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया जाता था, लेकिन अब अर्थव्यवस्था, उद्योग, हवाई अड्डे और आम नागरिक भी लक्ष्य बन रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में 52 देशों में चल रहे संघर्ष और असीमित चुनौतियाँ चिंताजनक हैं, जो वर्ल्ड वॉर 2 के बाद की स्थिति को दर्शाती हैं। अब केवल पारंपरिक हथियारों से ही नहीं, बल्कि साइबर और आर्थिक युद्ध भी चल रहे हैं। हमें इन नए प्रकार के हमलों का सामना करने के लिए रणनीतियाँ विकसित करनी होंगी।
लेफ्टिनेंट जनरल ने यह भी बताया कि आज के समय में ग्रे ज़ोन ऑपरेशंस और सूचना तथा साइबर युद्ध का महत्व बढ़ गया है। रूस-यूक्रेन और इजराइल जैसी लंबी लड़ाइयों ने यह स्पष्ट किया है कि अब लक्ष्यों का स्वरूप बदल चुका है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए समन्वय की आवश्यकता
अब पारंपरिक सैनिकों के बजाय राजनीतिक, आर्थिक और नागरिक ढांचे को निशाना बनाया जा रहा है। सेमिनार का उद्देश्य सशस्त्र बलों, नागरिक प्रशासन, उद्योग और शैक्षणिक जगत के बीच समन्वय स्थापित कर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एकीकृत ढांचा तैयार करना है। पहले सत्र में यह तय किया जाएगा कि देश-राज्य-जिला-ग्राम स्तर पर किस प्रकार की नीतियाँ और संगठनात्मक ढांचे होने चाहिए ताकि साइबर और आर्थिक हमलों का प्रभावी ढंग से सामना किया जा सके।
राजस्थान के पुलिस, पैरामिलिट्री बल और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के प्रतिनिधि भी राज्य स्तरीय भागीदारी में शामिल होंगे। सेमिनार में कूटनीतिज्ञ, प्रशासनिक अधिकारी और रणनीतिक विशेषज्ञ विभिन्न परिदृश्यों पर चर्चा करेंगे और व्यवहारिक सिफारिशें प्रस्तुत करेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि आज जो चुनौतियाँ आ रही हैं, उनका सीधा असर देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर पड़ता है, इसलिए रणनीतिक नीति में परिवर्तन और व्यापक सहयोग आवश्यक है।
इस दो दिवसीय विशेष सेमिनार में विभिन्न सत्रों में कई विशेष पैनल, कार्यशालाएँ और रणनीतिक समीक्षाएँ होंगी। जयपुर मिलिट्री स्टेशन में आयोजित यह सेमिनार राष्ट्रीय सुरक्षा की सोच में नए आयाम जोड़ने का प्रयास माना जा रहा है।