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जयपुर पुलिस कांस्टेबल ने लौटाया 11 लाख का दहेज, दिया प्यार और सम्मान का संदेश

राजस्थान के जयपुर में एक कांस्टेबल ने अपनी शादी में मिले 11 लाख रुपये दहेज को लौटाकर समाज में एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है। जतन सिंह ने स्पष्ट किया कि उन्हें पैसे की आवश्यकता नहीं है, बल्कि एक घर संभालने वाली पत्नी चाहिए। उनके इस साहसिक कदम ने दहेज प्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया है। यह घटना न केवल उनकी नैतिकता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि एक व्यक्ति समाज की रूढ़िवादी सोच को बदल सकता है।
 

अनुकरणीय मिसाल पेश करते हुए

राजस्थान पुलिस के एक कांस्टेबल ने समाज में एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो चर्चा का विषय बन गया है। जयपुर के ब्रह्मपुरी थाने में तैनात कांस्टेबल जतन सिंह ने अपनी शादी में मिले 11 लाख रुपये की दहेज राशि को लौटाकर यह साबित कर दिया कि रिश्तों में पैसे की बजाय प्यार और सम्मान अधिक महत्वपूर्ण हैं। उनके इस निर्णय की व्यापक प्रशंसा हो रही है। उन्होंने दहेज जैसी सामाजिक बुराई को नकारते हुए यह स्पष्ट किया कि वे एक समृद्ध जीवनसाथी से अधिक एक घर संभालने वाली पत्नी की तलाश में हैं।


दहेज को ठुकराकर जीते सबका दिल

कांस्टेबल जतन सिंह की हाल ही में शादी हुई थी, जिसमें उन्हें वधू पक्ष से 11 लाख रुपये दहेज के रूप में दिए गए थे। उन्होंने विनम्रता से यह राशि लौटाते हुए कहा कि उन्हें पैसे की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उन्हें एक घर संभालने वाली पत्नी चाहिए। उनके इस बयान ने वहां उपस्थित सभी लोगों का दिल जीत लिया। एक पुलिसकर्मी के रूप में, जतन सिंह ने नैतिकता और ईमानदारी का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है।


समाज को दिया महत्वपूर्ण संदेश

दहेज प्रथा आज भी भारतीय समाज में एक गंभीर समस्या बनी हुई है। जतन सिंह का यह साहसिक कदम युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। सरकारी नौकरी में रहते हुए भी उन्होंने पैसे को ठुकराकर एक साधारण और स्वच्छ वैवाहिक जीवन को प्राथमिकता दी। कांस्टेबल जतन सिंह वर्तमान में जयपुर पुलिस के ब्रह्मपुरी थाने में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनके इस नेक कार्य की जानकारी मिलने पर पुलिस विभाग के अधिकारी और आम लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं। यह घटना दर्शाती है कि बदलाव की शुरुआत व्यक्तिगत स्तर पर की जा सकती है और एक व्यक्ति भी समाज की रूढ़िवादी सोच को बदल सकता है। जतन सिंह ने यह साबित किया है कि वर्दी का कर्तव्य केवल कानून व्यवस्था बनाए रखना नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी निभाना भी है।