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जयपुर कमिश्नरेट में लेन ड्राइविंग सिस्टम का कार्यान्वयन

जयपुर कमिश्नरेट में लेन ड्राइविंग सिस्टम को लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसका उद्देश्य NH-48 पर ट्रैफिक अनुशासन में सुधार करना और सड़क दुर्घटनाओं को कम करना है। इस प्रणाली के तहत भारी वाहनों को केवल तीसरी लेन में चलने की अनुमति होगी, जबकि नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान स्वतः जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा ताकि सभी चालक निर्धारित लेन में चलें।
 

लेन ड्राइविंग सिस्टम की शुरुआत

जयपुर कमिश्नरेट क्षेत्र में लेन ड्राइविंग सिस्टम को लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसका मुख्य उद्देश्य जयपुर-दिल्ली नेशनल हाईवे (NH-48) पर यातायात अनुशासन को बेहतर बनाना और सड़क दुर्घटनाओं को कम करना है। यह प्रणाली दौलतपुरा से बगरू तक लागू की जाएगी.


पायलट प्रोजेक्ट का सफल परीक्षण

स्पेशल कमिश्नर पुलिस (ऑपरेशन्स) राहुल प्रकाश ने जानकारी दी कि चंदवाजी से शाहजहांपुर तक इस प्रणाली का पायलट प्रोजेक्ट 6 सितंबर से शुरू किया गया था। सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद इसे अब जयपुर कमिश्नरेट क्षेत्र में विस्तारित किया जा रहा है। शनिवार को डीसीपी वेस्ट ऑफिस में एक बैठक आयोजित की गई है, जिसमें डीसीपी वेस्ट, ट्रैफिक अधिकारी, एडीसीपी, एसीपी, टीआई और एसएचओ शामिल होंगे.


लेन ड्राइविंग सिस्टम के नियम

  • भारी वाहन जैसे बस, ट्रक और ट्रोला केवल तीसरी लेन में चलेंगे।
  • ओवरटेक करने के लिए वे दूसरी लेन में जा सकते हैं, लेकिन उन्हें बाद में तीसरी लेन में लौटना होगा।
  • पहली लेन केवल एम्बुलेंस, पुलिस वाहनों और हल्के वाहनों के लिए आरक्षित रहेगी।
  • नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के चालान VOC मोबाइल ऐप और आईटीएमएस कैमरों के माध्यम से स्वतः जारी किए जाएंगे।


कैमरा आधारित निगरानी प्रणाली

इस प्रणाली में मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होगी। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर कैमरे नजर रखेंगे और उनके चालान मोबाइल पर स्वतः भेजे जाएंगे। इससे पुलिसकर्मियों और वाहन चालकों के बीच विवाद और अचानक वाहन रोकने से होने वाले हादसे कम होंगे.


जागरूकता अभियान

प्रारंभिक पांच दिनों के दौरान, संबंधित एसीपी और थाना प्रभारी मौके पर रहकर वाहन चालकों, मालिकों और ट्रांसपोर्टर्स को जागरूक करेंगे। सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपील की जाएगी कि सभी चालक अपने वाहनों को निर्धारित लेन में चलाएं। उल्लेखनीय है कि चंदवाजी से शाहजहांपुर तक पहले चरण में लागू इस प्रणाली से अब तक हजारों चालकों पर 10 करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना लगाया जा चुका है.