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जयपुर ITAT घूसकांड: केसी मीना समेत पांच गिरफ्तार, जांच में तेजी

जयपुर में आयकर अपीलीय अधिकरण (आईटीएटी) में चल रहे घूसखोरी के मामले में सीबीआई ने असिस्टेंट रजिस्ट्रार केसी मीना को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अब तक पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। सीबीआई की जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि किस प्रकार के निर्णयों को प्रभावित करने के लिए पैसे का लेन-देन किया जाता था। रिमांड के दौरान मीना के बैंक खातों और वित्तीय लेन-देन की भी जांच की जाएगी।
 

जयपुर में आईटीएटी घूसखोरी का मामला

जयपुर: आयकर अपीलीय अधिकरण (आईटीएटी) में चल रहे घूसखोरी के मामले की परतें धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। इस सिलसिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को आईटीएटी के असिस्टेंट रजिस्ट्रार केसी मीना को गिरफ्तार किया है।


मीना पर लगे आरोप

केसी मीना पर रिश्वत लेने के आरोप हैं और उनकी गतिविधियों पर पहले से ही संदेह था। सीबीआई ने हाल ही में गिरफ्तार किए गए ज्यूडिशियल सदस्य एस. सीतालक्ष्मी, वकील राजेंद्र सिंह सिसोदिया और मेंबर अकाउंटेंट कमलेश से प्राप्त दस्तावेजों की जांच के बाद मीना को गिरफ्तार किया। सीबीआई ने इन तीनों से संदिग्ध लेन-देन से जुड़े दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड भी जब्त किए थे।


सीबीआई की पूछताछ

गिरफ्तारी के बाद, सीबीआई ने केसी मीना को अदालत में पेश किया और पूछताछ के लिए रिमांड मांगा, जिसे अदालत ने 5 दिसंबर तक मंजूर कर लिया। सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि जांच के दौरान मीना से कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे जा रहे हैं।


गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ी

इस मामले में अब तक मीना सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें अपीलकर्ता भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार, सीबीआई यह जानने की कोशिश कर रही है कि किस प्रकार के निर्णयों को प्रभावित करने के लिए पैसे का लेन-देन किया जाता था।


बैंक खातों और लेन-देन की जांच

रिमांड के दौरान, सीबीआई मीना के बैंक खातों, आय के स्रोतों और हाल के वित्तीय लेन-देन की भी जांच करेगी। इसके साथ ही उसके कार्यालय और निवास स्थान से बरामद दस्तावेजों की भी बारीकी से जांच की जा रही है। आईटीएटी में कार्यरत अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी इस कार्रवाई को लेकर सतर्क हैं।


सीबीआई की कार्रवाई

सीबीआई ने पिछले सप्ताह आईटीएटी में 1.40 करोड़ रुपये के लेन-देन का खुलासा कर इस नेटवर्क का पर्दाफाश किया था। इस मामले में और भी लोग सीबीआई की रडार पर हैं, जिन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।


मामले में दर्ज की गई FIR

सीबीआई ने अधिवक्ता राजेंद्र सिंह, सहायक रजिस्ट्रार केसी मीना, गौरव जैन (सीए), आलोकिक जैन, यश अक्षय बिल्डर्स के निदेशक, शोभित काला, मनीष धारीवाल, मुजम्मिल बरखेड़ा, प्रवीण कुमार लांबा, मनीष शर्मा, सुहानी महेरवाल और अन्य अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।