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जम्मू-कश्मीर सरकार ने 215 प्रतिबंधित स्कूलों का प्रबंधन अपने हाथ में लिया

जम्मू-कश्मीर सरकार ने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी से जुड़े 215 स्कूलों का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया है। यह निर्णय छात्रों की शिक्षा की सुरक्षा के लिए लिया गया है। शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने बताया कि इन स्कूलों का प्रबंधन नज़दीकी सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों द्वारा किया जाएगा। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर, इन स्कूलों की प्रबंधन समितियों की वैधता समाप्त कर दी गई है। जानें इस निर्णय के पीछे की वजह और इसके संभावित प्रभाव।
 

स्कूलों का प्रबंधन सरकार के अधीन

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी से जुड़े 215 स्कूलों का प्रबंधन अपने नियंत्रण में ले लिया है। यह निर्णय हजारों छात्रों की शिक्षा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है, क्योंकि 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जमात पर प्रतिबंध लगाने के बाद इन स्कूलों का पंजीकरण रद्द किया जा रहा था। सरकार के एक आदेश में ज़िला मजिस्ट्रेटों को इन स्कूलों का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के लिए अधिकृत किया गया है।


शिक्षा मंत्री का बयान

कश्मीर की शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने कहा कि यह कदम छात्रों की शिक्षा की सुरक्षा के लिए उठाया गया है। उन्होंने बताया कि इन स्कूलों का प्रबंधन नज़दीकी सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों द्वारा किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, जमात पर प्रतिबंध के बाद लगभग 300 स्कूलों की जांच की गई है, जिसमें से 50 स्कूलों को क्लीन चिट दी गई है। हालांकि, 215 स्कूलों की प्रबंधन समितियों के खिलाफ नकारात्मक रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं।


खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट

आज जारी एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि खुफिया एजेंसियों ने कई स्कूलों की पहचान की है जो प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी/फलाह-ए-आम ट्रस्ट से जुड़े हुए हैं। इन 215 स्कूलों की प्रबंधन समितियों की वैधता समाप्त हो चुकी है। विधायक रेयाज अहमद खान ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार की मंशा कुछ और है। शिक्षा मंत्री ने अपने एक सोशल मीडिया संदेश में स्पष्ट किया कि इन स्कूलों का प्रशासन उनके सत्यापन तक पास के प्रिंसिपलों द्वारा चलाया जाएगा।


आदेश का विवरण

आदेश में कहा गया है कि 215 स्कूलों की प्रबंध समिति का कार्यभार संबंधित जिला मजिस्ट्रेट/उपायुक्त द्वारा लिया जाएगा। वे संबंधित स्कूलों का विधिवत सत्यापन करने के बाद नई प्रबंध समिति का प्रस्ताव देंगे। जिला मजिस्ट्रेट/उपायुक्त इन स्कूलों को अपने अधीन लेने पर स्कूल शिक्षा विभाग के परामर्श से उचित कदम उठाएंगे ताकि छात्रों का शैक्षणिक जीवन प्रभावित न हो। इसके साथ ही, वे इन स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय भी करेंगे।