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जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों का बड़ा ऑपरेशन, दो आतंकवादी ढेर

30 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सुरक्षा बलों ने एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन चलाया, जिसमें दो आतंकवादियों को मार गिराया गया। इस ऑपरेशन का नाम 'शिवशक्ति' रखा गया है और यह तब शुरू हुआ जब क्षेत्र में संदिग्ध आतंकवादी गतिविधियों की सूचना मिली। भारतीय सेना ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आतंकवादियों को ढेर किया और इस दौरान तीन हथियार भी बरामद किए गए। यह ऑपरेशन उस समय हुआ जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक अन्य ऑपरेशन में मारे गए आतंकवादियों की पहचान की पुष्टि की थी। जानें इस ऑपरेशन की पूरी कहानी।
 

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन

30 जुलाई की सुबह, जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में सुरक्षा बलों ने एक महत्वपूर्ण सर्च ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें दो आतंकवादियों को मार गिराया गया। इस ऑपरेशन का नाम 'शिवशक्ति' रखा गया है। यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब क्षेत्र में संदिग्ध आतंकवादी गतिविधियों की सूचना मिली। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी आतंकवादी इस इलाके में घुसपैठ करने का प्रयास कर रहे थे, जिसे सुरक्षा बलों ने विफल कर दिया। इंडियन आर्मी की व्हाइट नाइट कोर ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर इस ऑपरेशन की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि पुंछ सेक्टर के सामान्य क्षेत्र में फेंसिंग के पास संदिग्ध गतिविधियों का पता चला। दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी हुई और ऑपरेशन जारी है। यह जानकारी व्हाइट नाइट कोर ने 30 जुलाई की सुबह लगभग 8:30 बजे दी, और इसके बाद 10 बजे के करीब नई जानकारी साझा की।


व्हाइट नाइट कोर ने अपने एक्स हैंडल पर बताया कि एक सफल घुसपैठ रोधी अभियान में भारतीय सेना के सतर्क जवानों ने लाइन ऑफ कंट्रोल के पार घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया। त्वरित कार्रवाई और सटीक निशाना लगाने से उनके नापाक इरादों को नाकाम किया गया। इस ऑपरेशन में तीन हथियार भी बरामद किए गए हैं। हमारी खुफिया इकाइयों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के समन्वित प्रयासों के कारण यह ऑपरेशन सफल रहा। ऑपरेशन अभी भी जारी है।


यह हालिया ऑपरेशन भारतीय सेना द्वारा 'महादेव' नामक अभियान शुरू करने के दो दिन बाद हुआ है। 29 जुलाई को लोकसभा में अपने भाषण के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस ऑपरेशन में मारे गए तीन आतंकवादियों की पहचान की पुष्टि की। ये सभी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के सदस्य थे और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक घातक आतंकी हमले में शामिल थे, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। ये दोनों ऑपरेशन उस समय हुए हैं जब संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के बीच बहस चल रही है, जो इस ऑपरेशन के बारे में सरकार से स्पष्टीकरण मांग रहे हैं।