जम्मू-कश्मीर में व्हाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल पर छापेमारी
जांच के तहत छापेमारी
जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने शुक्रवार को श्रीनगर और गांदरबल जिलों में 'व्हाइट कॉलर' आतंकी मॉड्यूल की जांच के लिए छापेमारी की। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई तड़के शुरू हुई और इसमें कई स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें बटमालू क्षेत्र के दियारवानी में तुफैल भट के घर पर की गई छापेमारी भी शामिल है।
तुफैल भट की गिरफ्तारी
पिछले महीने एसआईए ने तुफैल भट को 'व्हाइट कॉलर' आतंकी मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने बताया कि यह छापेमारी उसी मामले की जांच का हिस्सा है। 'व्हाइट कॉलर' आतंकी मॉड्यूल में चिकित्सकों जैसे पेशेवरों का संदर्भ है, जिन्हें कथित तौर पर उग्र विचारधारा अपनाने के लिए प्रेरित किया गया और जो 10 नवंबर को दिल्ली में हुए विस्फोट में शामिल पाए गए।
जांच का दायरा बढ़ाना
सूत्रों के अनुसार, जांचकर्ता संदिग्ध हथियार सप्लाई लिंक और आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर फारूक के साथ संबंधों की जांच कर रहे हैं। एसआईए की एक टीम ने लाल किले ब्लास्ट केस की जांच के तहत श्रीनगर के दियारवानी बटमालू में नियाज़ भट्ट के बेटे तुफैल भट के घर पर गहन तलाशी ली।
संदिग्ध भूमिका की जांच
एक एसी तकनीशियन को पहले ही संदिग्ध भूमिका के लिए हिरासत में लिया गया था, जिसमें राइफल मुहैया कराने का आरोप था। यह नया छापा अतिरिक्त सबूत इकट्ठा करने और आतंकवादी मॉड्यूल से जुड़े संभावित संपर्कों की पहचान करने के लिए किया गया।
हथियार सप्लाई चेन की पहचान
जांचकर्ताओं का ध्यान अब हथियार सप्लाई चेन की पहचान और उन लोगों की पहचान पर है जिन्होंने संभवतः पनाह, परिवहन या तकनीकी सहायता प्रदान की। सूत्रों ने बताया कि भट पर शक है कि उसने एक AK-47 राइफल दी थी, जो अनंतनाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में डॉ. अदील अहमद के लिए अलॉट किए गए एक लॉकर से बरामद हुई थी। डॉ. अदील पहले से ही इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर एनआईए की हिरासत में हैं।
आगे की कार्रवाई
अधिकारियों ने बताया कि एसआईए ने कई स्थानों पर अपनी जांच को तेज कर दिया है, और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, और भी छापेमारी और गिरफ्तारियों की संभावना है।