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जम्मू-कश्मीर में डॉक्टरों के नेतृत्व में आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल ही में एक सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है, जिसमें डॉक्टरों की संलिप्तता सामने आई है। मुख्य साजिशकर्ता डॉ. उमर नबी ने आत्मघाती हमलावर की तलाश में पिछले साल से काम किया। जांच में पता चला है कि यह मॉड्यूल 6 दिसंबर को एक बड़े फिदायीन हमले की योजना बना रहा था। एजेंसियों ने इस मामले में कई गिरफ्तारियां की हैं और जांच जारी है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की साजिश।
 

आतंकी मॉड्यूल का खुलासा

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल ही में एक 'सफेदपोश' आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है, जो पिछले वर्ष से एक आत्मघाती हमलावर की तलाश में था। इस मॉड्यूल का मुख्य साजिशकर्ता डॉ. उमर नबी बताया जा रहा है, जिसने इस योजना को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। अधिकारियों ने रविवार को इस मामले की जानकारी दी।


जांच में पता चला है कि डॉ. उमर एक कट्टरपंथी था और उसने अपने अभियान की सफलता के लिए आत्मघाती हमलावर की आवश्यकता पर जोर दिया। माना जा रहा है कि वह उस कार में था, जिसमें 10 नवंबर को लाल किले के पास विस्फोट हुआ था। श्रीनगर पुलिस ने डॉ. अदील राथर और डॉ. मुजफ्फर गनई सहित अन्य आरोपियों से पूछताछ के बाद एक टीम को दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड भेजा और जसीर उर्फ 'दानिश' को हिरासत में लिया।


आत्मघाती हमले की योजना

सूत्रों के अनुसार, पिछले हफ्ते दिल्ली में लाल किले पर हुए कार बम विस्फोट से जुड़े जैश-ए-मोहम्मद के संदिग्ध सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल ने 6 दिसंबर को एक बड़े फिदायीन हमले की योजना बनाई थी।


एजेंसियों ने फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ के बाद खुलासा किया कि इस समूह ने आंतरिक रूप से 'ऑपरेशन डी-6' नाम दिया था। यह मॉड्यूल कार में विस्फोटक उपकरण का इस्तेमाल करके बड़े पैमाने पर आत्मघाती हमले की योजना बना रहा था।


गिरफ्तारी और जांच

गिरफ्तार किए गए संदिग्धों से पूछताछ में यह भी पता चला कि डॉ. शाहीन शाहीद और लाल किले के पास मारे गए आतंकवादी उमर इस साजिश के मुख्य केंद्र थे। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि डॉ. शाहीन को भारत में जैश-ए-मोहम्मद की महिला शाखा की स्थापना का कार्य सौंपा गया था।


6 दिसंबर के हमले की योजना के लिए फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक जमा किए गए थे। जांचकर्ताओं ने बताया कि उमर कई युवकों को संभावित फिदायीन अभियानों के लिए तैयार करने की कोशिश कर रहा था।


राष्ट्रीय जांच एजेंसी की कार्रवाई

ये खुलासे तब हुए जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने लाल किला कार बम विस्फोट की जांच तेज कर दी। एजेंसी ने एक कश्मीरी व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसने कथित तौर पर आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी को 10 नवंबर को हुए हमले में मदद की थी।


जांचकर्ताओं ने यह स्थापित किया है कि आत्मघाती हमलावर विस्फोट के दिन लगभग 10 घंटे तक विस्फोटकों से लदी कार के साथ घूमता रहा और दिल्ली के कई वीवीआईपी इलाकों से गुजरा।


आतंकवादियों के नेटवर्क का विस्तार

अधिकारियों का मानना है कि यह साजिश दो पहचाने गए षड्यंत्रकारियों से आगे तक फैली हुई है। एनआईए ने पुष्टि की है कि यह विस्फोट आत्मघाती हमलावर उमर नबी द्वारा चलाए जा रहे एक वाहन में लगे आईईडी का इस्तेमाल करके किया गया था।


इस बीच, जांच में उमर से कोई ठोस संबंध न पाए जाने के बाद, एजेंसी ने विस्फोट के सिलसिले में हिरासत में लिए गए चार लोगों को रिहा कर दिया है।