जम्मू-कश्मीर में डॉक्टर परवेज अंसारी का आतंकवादी कनेक्शन: जांच में नए खुलासे
लाल किला विस्फोट की जांच में नया मोड़
लाल किला विस्फोट की जांच जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच जटिल हो गई है। जम्मू-कश्मीर के एक डॉक्टर ने हरियाणा की एक यूनिवर्सिटी को अपना ठिकाना बनाया और उत्तर प्रदेश के अन्य आतंकियों के सहयोग से दिल्ली में आत्मघाती विस्फोट की योजना बनाई, जिसमें 15 निर्दोष लोगों की जान चली गई।
जांच के दौरान, सुरक्षा एजेंसियों ने पाया कि इस आतंकवादी नेटवर्क के तार सहारनपुर से भी जुड़े हुए हैं। सहारनपुर में एक आतंकवादी ठिकाना स्थापित किया जा रहा था, जिसमें 'मेडम सर्जन' शाहीन के भाई डॉ. परवेज अंसारी की महत्वपूर्ण भूमिका थी। वह कई वर्षों तक सहारनपुर में चिकित्सा प्रैक्टिस कर चुका था और स्थानीय लोग उसे 'साइको डॉक्टर' के नाम से जानते थे।
डॉक्टर परवेज की रहस्यमय जिंदगी
डॉक्टर परवेज अंसारी के पड़ोसियों का कहना है कि वह मरीजों के अलावा किसी से बातचीत नहीं करता था। वह ज्यादातर समय अपने फोन पर व्यस्त रहता था और अपने क्लिनिक तक पैदल जाता था। उसकी क्लिनिक पर अन्य डॉक्टरों की तुलना में अधिक भीड़ होती थी, क्योंकि वह योग्य MD डॉक्टर होते हुए भी कम फीस लेते थे। हालांकि, इसके पीछे की असली मंशा किसी को नहीं पता।
अंसारी के पड़ोसियों के लिए यह जानना चौंकाने वाला था कि वह आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। जब वह सहारनपुर में था, तब वह अपने में ही खोया रहता था। वह हमेशा क्लीन शेव रहता था, लेकिन हाल की तस्वीरों में उसकी दाढ़ी और टोपी दिखाई देती है।
बहन शाहीन का प्रभाव
सूत्रों के अनुसार, डॉ. परवेज अंसारी पढ़ाई में बहुत तेज था और अपनी बड़ी बहन शाहीन को देखकर डॉक्टर बना। लखनऊ जाने के बाद, शाहीन ने उसका ब्रेन वॉश कर उसे आतंकवादी नेटवर्क में शामिल किया। इसके बाद उसने दाढ़ी रखने और टोपी पहनने की आदत डाल ली।
बताया जाता है कि डॉ. परवेज अंसारी अंडरग्राउंड होने में माहिर है। सहारनपुर में रहते हुए उसकी पत्नी के साथ विवाद हुआ, जो पुलिस तक पहुंचा। इसके बाद वह अचानक क्लिनिक छोड़कर भाग गया। उसने कई शादियां भी कीं, लेकिन किसी के साथ भी नहीं टिक सका। दिल्ली विस्फोट के बाद, वह लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी से इस्तीफा देकर भागने की योजना बना रहा था, लेकिन उसे पकड़ लिया गया।
अंडरग्राउंड आतंकवादी नेटवर्क का खुलासा
जांच के अनुसार, डॉ. परवेज अंसारी की भूमिका इस विस्फोट मामले में महत्वपूर्ण रही है। सहारनपुर में क्लिनिक चलाते समय, उसने एक अंडरग्राउंड आतंकवादी नेटवर्क स्थापित किया। उसने सहारनपुर में रजिस्टर्ड कार खरीदी और जम्मू-कश्मीर से आए डॉ. अदिल को वहां पैर जमाने में मदद की। जांच एजेंसियों ने डॉ. परवेज के घर से सहारनपुर RTO रजिस्टर्ड कार, लैपटॉप, तीन कीपैड मोबाइल फोन, एक हार्ड डिस्क और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं, जिनकी फोरेंसिक जांच चल रही है।