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जम्मू-कश्मीर में आप विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी पर विवाद

जम्मू-कश्मीर में आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक को सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने के आरोप में पीएसए के तहत गिरफ्तार किया गया है। यह पहली बार है जब किसी मौजूदा विधायक को इस अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है। उनके खिलाफ यह कार्रवाई सरकारी कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन के बीच हुई है, जिसमें विधायक पर वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है। अरविंद केजरीवाल ने इस गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए समर्थन किया है।
 

आप विधायक की गिरफ्तारी

जम्मू-कश्मीर में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और विधायक मेहराज मलिक को सोमवार को डोडा जिले में सार्वजनिक व्यवस्था को कथित रूप से बाधित करने के आरोप में कड़े जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों के अनुसार, यह पहली बार है जब किसी वर्तमान विधायक को इस अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है। पीएसए एक प्रशासनिक कानून है, जो कुछ मामलों में बिना किसी आरोप या सुनवाई के दो साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है।


गिरफ्तारी का विवरण

अधिकारियों ने बताया कि 37 वर्षीय विधायक को उस समय हिरासत में लिया गया जब वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने की योजना बना रहे थे। पुलिस ने उनके खिलाफ एक डोजियर तैयार करने के बाद, डोडा के उपायुक्त हरविंदर सिंह के आदेश पर उन्हें भद्रवाह जिला जेल में स्थानांतरित कर दिया।


केजरीवाल का समर्थन

आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि क्या अपने क्षेत्र के लोगों के लिए अस्पताल की मांग करना इतना बड़ा अपराध है कि एक चुने हुए विधायक को जेल में डाल दिया जाए? उन्होंने कहा कि मेहराज मलिक हमेशा जनता की आवाज बनकर उनके हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे।


विरोध प्रदर्शन

मलिक के खिलाफ यह कार्रवाई सरकारी कर्मचारियों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच हुई है। प्रदर्शनकारियों ने विधायक पर आरोप लगाया कि उन्होंने डॉक्टरों सहित वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को "आदतन" गालियाँ दीं और युवाओं को सरकारी तंत्र के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया।


प्रदर्शनकारियों का बयान

प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने डिप्टी कमिश्नर की असाधारण सेवा और जन कल्याण के प्रति समर्पण की सराहना की। उन्होंने विधायक के "असभ्य और गैर-जिम्मेदाराना" व्यवहार की निंदा की और इसे "दुर्भाग्यपूर्ण, निंदनीय और अस्वीकार्य" बताया।