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जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का पर्दाफाश: फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक की भूमिका

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक का उपयोग करते हुए आतंकियों आदिल और मुजम्मिल को गिरफ्तार किया है। आदिल की गिरफ्तारी के बाद उसके लॉकर से एके 47 और अन्य हथियार बरामद हुए। मुजम्मिल, जो फरीदाबाद में था, से भी विस्फोटक सामग्री मिली। यह मामला आतंकवादी संगठन अंसार गज़वतुल हिंद से जुड़ा हुआ है, जो 2017 में स्थापित हुआ था। जानें इस तकनीक की भूमिका और आतंकवाद के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
 

आतंकियों की गिरफ्तारी में तकनीक की भूमिका

आतंकी आद‍िल और डॉ. मुजम्मिल

जम्मू कश्मीर पुलिस ने घाटी के संवेदनशील क्षेत्रों में फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक का उपयोग शुरू कर दिया है। यह प्रणाली किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत पुलिस के पास भेज देती है। इसी तकनीक के माध्यम से आदिल को पकड़ा गया, जब उसका वीडियो श्रीनगर में जैश ए मोहम्मद के पोस्टर लगाते हुए रिकॉर्ड हुआ। श्रीनगर पुलिस की टीम ने इस वीडियो की गहन जांच की, जिससे आदिल की पहचान हुई और उसे सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया।

सूत्रों के अनुसार, आदिल की गिरफ्तारी के बाद अनंतनाग में उसके लॉकर से एक एके 47 और अन्य हथियार बरामद किए गए हैं।

आदिल ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसका एक साथी मुजम्मिल है, जो फरीदाबाद में है। इसके बाद श्रीनगर पुलिस ने मुजम्मिल को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया, जिसके पास से 360 किलोग्राम विस्फोटक और अन्य हथियार मिले।

डॉक्टरों का आतंकवाद से संबंध

जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉक्टर आतंकवादी संगठन अंसार गज़वतुल हिंद से जुड़े हुए हैं। हालांकि, इस संगठन की जमीनी उपस्थिति अभी सीमित है। यह संगठन 2017 में हिजबुल मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर जाकिर मूसा द्वारा स्थापित किया गया था। एक अन्य डॉक्टर अभी भी फरार है, जिसकी तलाश जारी है।

जाकिर मूसा ने हिज्ब की विचारधारा पर सवाल उठाते हुए इसे इस्लाम और शरीयत के खिलाफ बताया था। वह अंसार गज़वतुल हिंद का पहला कमांडर बना था, लेकिन 2019 में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। इस घटना के बाद से अंसार गज़वतुल हिंद की गतिविधियाँ काफी कम हो गई हैं।