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जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की कहानी

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकवादी हमले में 26 वर्षीय लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शहीद हो गए। उनकी शादी हाल ही में हुई थी और वे हनीमून पर थे। इस हमले के बाद, अमेरिका ने द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को आतंकवादी संगठन घोषित किया। विनय के पिता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कदम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण है। जानें इस घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
 

शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भयानक आतंकवादी हमले में 26 वर्षीय लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शहीद हो गए। उनकी शादी एक हफ्ते पहले हुई थी और वे अपने हनीमून पर थे, जब आतंकवादियों ने उन पर हमला किया। इस घटना के कुछ समय बाद, अमेरिकी विदेश विभाग ने इस हमले के पीछे के समूह, द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF), को आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता दी।


इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, विनय नरवाल के पिता, राजेश नरवाल ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि पाकिस्तानी सेना के जनरल असीम मुनीर तब उनके दर्द को समझेंगे जब उनके अपने बच्चे को कोई नुकसान पहुंचेगा।


टीआरएफ को आतंकवादी समूह घोषित करना

राजेश नरवाल ने कहा कि टीआरएफ को आतंकवादी समूह के रूप में मान्यता देना आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय सशस्त्र बलों को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि यह पीढ़ी पहलगाम हमले को कभी नहीं भूलेगी।


राजेश ने कहा कि टीआरएफ को आतंकवादी संगठन घोषित करना हमारे प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उनके मन में शांति नहीं है और वे रातों को सो नहीं पा रहे हैं।


अमेरिका का बड़ा कदम

ट्रम्प प्रशासन ने टीआरएफ को एक आतंकवादी समूह के रूप में मान्यता दी है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि यह कदम राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा पहलगाम हमले के लिए न्याय की मांग को दर्शाता है। 22 अप्रैल को हुए इस हमले ने हर भारतीय के दिल में गहरी छाप छोड़ी है।


इस हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी। भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पाकिस्तान तथा पाक अधिकृत कश्मीर में नौ ठिकानों पर हमले किए।