जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान और अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान
जम्मू-कश्मीर के पीर पंजाल पर्वत क्षेत्र और इसके दक्षिणी हिस्सों में सुरक्षा बलों ने एक व्यापक आतंकवाद-विरोधी अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लगभग 40 से 50 आतंकवादियों का पता लगाना और उन्हें निष्क्रिय करना है, जो जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े हुए हैं। जानकारी के अनुसार, उधमपुर, रेयासी, डोडा और किश्तवाड़ जिलों में लगभग 30 जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी सक्रिय हैं, जबकि राजौरी और पुंछ जिलों में 15 से 20 अन्य आतंकवादी मौजूद हैं। खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि इनमें से 80 से 85 प्रतिशत पाकिस्तानी नागरिक हैं, जो घाटी में घुसपैठ कर छिपे हुए हैं।
सुरक्षा बलों की रणनीति
इन आतंकवादियों को पकड़ने और उनके ठिकानों को समाप्त करने के लिए सुरक्षा बलों ने एक बहु-स्तरीय रणनीति अपनाई है। आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और निगरानी विमान तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, सीमा पार से हथियारों और सामान की हवाई आपूर्ति को रोकने के लिए एंटी-ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। उच्च दुर्गम पर्वतीय इलाकों में विशेष बलों की तैनाती की गई है ताकि आतंकियों के संभावित ठिकानों को घेरा जा सके। नाइट विज़न डिवाइस और आधुनिक तकनीकी उपकरणों की मदद से रात में तलाशी अभियान को तेज किया गया है।
स्थानीय सहयोग और सुरक्षा उपाय
इस अभियान की सफलता में खुफिया एजेंसियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों की सूचनाएं भी महत्वपूर्ण साबित हो रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर सुरक्षाबल आतंकियों की गतिविधियों पर त्वरित प्रतिक्रिया दे रहे हैं। अधिकारियों ने बताया है कि आतंकियों द्वारा कश्मीर घाटी में प्रवेश करने के सभी प्रमुख मार्गों को सील कर दिया गया है और घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त बलों की तैनाती कर सुरक्षा ग्रिड को मजबूत किया गया है।
ऑपरेशन शिव
सेना ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए 'ऑपरेशन शिव' शुरू किया है, जिसके तहत गुफा मंदिर तक जाने वाले मार्गों पर 8,500 सैनिकों को तैनात किया गया है। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय सेना ने नागरिक प्रशासन और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के साथ मिलकर इस यात्रा का सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए यह अभियान शुरू किया है। इस वर्ष के सुरक्षा ढांचे के तहत, सैनिकों को व्यापक तकनीकी और परिचालन संसाधनों की सुविधा दी गई है। 'ऑपरेशन शिव' के तहत नियमित 'यूएवी' मिशनों और यात्रा मार्गों की लाइव निगरानी के साथ-साथ ड्रोन खतरों को बेअसर करने के लिए 50 से अधिक 'सी-यूएएस' और 'इलेक्ट्रॉनिक युद्ध' प्रणालियों का एक 'काउंटर-यूएएस ग्रिड' स्थापित किया गया है।