जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क का किया भंडाफोड़
जम्मू-कश्मीर पुलिस की बड़ी सफलता
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए एक बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। यह जांच एक साधारण पोस्टर की जांच से शुरू हुई और अंततः जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पाकिस्तान तक फैले एक जटिल नेटवर्क का खुलासा हुआ। इस नेटवर्क में कट्टरपंथी पेशेवर और छात्र शामिल थे, जो एन्क्रिप्टेड चैनलों के माध्यम से आपस में संवाद करते थे। यह नेटवर्क 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले में हुए विस्फोट से भी जुड़ा हुआ है, जिसमें 12 लोगों की जान गई थी।
जांच की शुरुआत
यह मामला 19 अक्टूबर, 2025 को शुरू हुआ, जब श्रीनगर के बनपोरा नौगाम क्षेत्र में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कई पोस्टर मिले। इन पोस्टरों में स्थानीय लोगों को सुरक्षा बलों के साथ सहयोग न करने की चेतावनी दी गई थी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए यूएपीए, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत प्राथमिकी (संख्या 162/2025) दर्ज की।
मुख्य गिरफ्तारियाँ
जांच के दौरान सात प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें शामिल हैं: श्रीनगर से आरिफ निसार डार, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार। इसके अलावा, शोपियां के इमाम मौलवी इरफान अहमद, गांदरबल के जमीर अहमद अहंगर, और पुलवामा के चिकित्सक डॉ. मुज़म्मिल अहमद गनई, जो अल-फलाह विश्वविद्यालय, फ़रीदाबाद में पढ़ाते हैं, शामिल हैं। डॉ. आदिल, जो जीएमसी अनंतनाग के रेजिडेंट डॉक्टर हैं, भी गिरफ्तार किए गए।
लखनऊ कनेक्शन
जांच में यह भी सामने आया कि विस्फोटकों की ढुलाई में इस्तेमाल की गई स्विफ्ट कार लखनऊ की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाली डॉक्टर शाहीन शाहिद की थी। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ के लिए श्रीनगर ले जाया गया है। उनके फोन रिकॉर्ड से कई पाकिस्तानी संपर्कों का पता चला है, जिनके जैश-ए-मोहम्मद के संचालक होने का संदेह है। सीसीटीवी फुटेज से डॉ. आदिल की संलिप्तता की भी पुष्टि हुई है, जिसे सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था।