जबलपुर में फर्जी पासपोर्ट मामले में तीन अफगान नागरिक गिरफ्तार
जबलपुर में आतंकवाद रोधी कार्रवाई
मध्यप्रदेश के जबलपुर में आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने अवैध रूप से रह रहे एक अफगान नागरिक और उसके दो सहयोगियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट बनवाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह जानकारी शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में दी गई।
बयान में कहा गया है कि पुलिस को एक मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ अफगानी युवक जबलपुर में अवैध रूप से निवास कर रहे हैं, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए सोहबत खान नामक व्यक्ति को पकड़ा गया।
पुलिस ने बताया कि सोहबत पिछले लगभग 10 वर्षों से जबलपुर में रह रहा था और उसने एक स्थानीय महिला से विवाह भी कर लिया था।
आरोपी ने न केवल अपने लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट बनवाया, बल्कि अपने अफगानी साथियों के लिए भी जबलपुर के फर्जी पते पर दस्तावेज तैयार कर पैसे लेकर उनके लिए पासपोर्ट बनवाने का काम कर रहा था।
बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि एटीएस को अब तक लगभग 20 अफगानी युवकों की जानकारी मिली है, जिन्होंने जबलपुर के पते से पासपोर्ट बनवाने का प्रयास किया।
पुलिस ने कहा कि सोहबत खान को हिरासत में लेकर उससे इस अवैध गतिविधि में शामिल अन्य व्यक्तियों के बारे में गहन पूछताछ की जा रही है।
पुलिस के अनुसार, जाली दस्तावेज बनाने वाले, पुलिस सत्यापन में मदद करने वाले और डाक खानों से फर्जी पते वाले पासपोर्ट दिलवाने में सहयोग करने वालों की पहचान की जा रही है।
गिरफ्तार किए गए अन्य दो आरोपियों में जबलपुर के विजयनगर निवासी दिनेश गर्ग और कटंगा के महेंद्र कुमार सुखदन शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि दिनेश गर्ग वन विभाग में वन रक्षक है और पिछले दो वर्षों से कलेक्टर कार्यालय के चुनाव प्रकोष्ठ में कार्यरत है।
बयान में यह भी कहा गया कि सोहबत खान ने 2015 में जबलपुर से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया और 2020 में भारतीय पासपोर्ट प्राप्त किया।
पुलिस के अनुसार, एटीएस को भारतीय पासपोर्ट बनवाने के लिए अब तक लगभग 10 लाख रुपये के लेन-देन की जानकारी मिली है।