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छायगांव में दो छात्रों की नदी में डूबने से हुई मौत, स्कूल प्रबंधन पर उठे सवाल

छायगांव के रिहाबारी क्षेत्र में दो छात्रों की खारखारी नदी में डूबने से मौत हो गई है, जिससे पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। यह घटना स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के कारण हुई बताई जा रही है। छात्रों के शवों की बरामदगी के बाद स्थानीय निवासियों ने सुरक्षा उपायों की कमी को लेकर आक्रोश व्यक्त किया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और स्कूल प्रबंधन से जवाबदेही की मांग की जा रही है।
 

दुखद घटना ने छायगांव को किया शोकाकुल


बोको, 24 सितंबर: छायगांव के रिहाबारी क्षेत्र में एक दुखद घटना ने सभी को शोक में डाल दिया है, जहां दो स्कूली छात्रों की खारखारी नदी में डूबने से मौत हो गई। उनके शव दो दिन की खोजबीन के बाद अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए।


स्थानीय लोगों के अनुसार, यह घटना स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के कारण हुई। मृतक छात्र रिहाबारी स्थित एक निजी संस्थान, सैक्रेड वाइनयार्ड बेरेन एकेडमी के छात्र थे।


रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों लड़के दो दिन पहले (पिछले रविवार) अपने हॉस्टल से खारखारी नदी में नहाने गए थे और तभी से लापता हो गए थे। उनके लापता होने से उनके माता-पिता और स्थानीय निवासियों में चिंता बढ़ गई थी, जो अंततः उनके शवों की बरामदगी के साथ समाप्त हुई।


पहला शव, जो कि कक्षा 10 के छात्र सूर्योराज दास का था, उसे बोको के पयारंगा में खारखारी नदी से निकाला गया। इसके बाद, कक्षा 9 के छात्र नीलकमल कलिता का शव छायगांव के जामबारी में खारखारी नदी से बरामद किया गया।


दोनों छात्र एकेडमी के हॉस्टल के निवासी थे। इस घटना ने व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है, और माता-पिता तथा स्थानीय लोग स्कूल प्रबंधन से जवाबदेही की मांग कर रहे हैं कि उन्होंने छात्रों को बिना निगरानी के नदी में नहाने की अनुमति कैसे दी।


छायगांव पुलिस स्टेशन के अधिकारी कमाख्या मिश्रा ने बताया कि पुलिस जांच अभी जारी है और इस मामले में छायगांव पुलिस स्टेशन में एक केस दर्ज किया गया है। मिश्रा ने आगे कहा कि स्कूल प्रबंधन की ओर से सुरक्षा उपायों में काफी लापरवाही बरती गई है।


इस घटना के बाद, स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन, सह-जिला आयुक्त और पुलिस से अनुरोध किया है कि वे बोको-छायगांव क्षेत्र के निजी स्कूलों और हॉस्टलों की बुनियादी ढांचे और सुरक्षा व्यवस्थाओं का निरीक्षण करें।