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छत्तीसगढ़ में पटवारी की आत्महत्या: भूमि अधिग्रहण में अनियमितता का मामला

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक पटवारी ने भूमि अधिग्रहण में कथित अनियमितताओं के चलते आत्महत्या कर ली। सुरेश कुमार मिश्रा का शव उनके बहन के फार्म हाउस में मिला, जहां उन्होंने एक पत्र छोड़ा था जिसमें अपनी निर्दोषता का दावा किया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और इसके प्रभाव।
 

बिलासपुर में पटवारी की आत्महत्या

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में भारतमाला परियोजना के अंतर्गत सड़क निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में कथित अनियमितताओं के चलते निलंबित एक पटवारी ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली। पुलिस ने इस घटना की जानकारी दी।


सकरी थाना के प्रभारी प्रदीप आर्य ने बताया कि सुरेश कुमार मिश्रा का शव जोकी गांव में उनकी बहन के फार्म हाउस के एक कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला।


पुलिस ने घटना की सूचना मिलने के बाद तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।


अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल से एक पत्र मिला है, जिसमें मिश्रा ने अपनी निर्दोषता का दावा किया है और आरोप लगाया है कि भूमि अधिग्रहण और मुआवजे में कुछ अन्य राजस्व अधिकारी और एक ग्रामीण शामिल हैं।


एक अन्य पत्र भी मिला है, जो जिला कलेक्टर को संबोधित है, जिसमें मिश्रा ने अपनी बहाली की मांग की है। पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है और जांच जारी है।


अधिकारियों के अनुसार, मिश्रा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले थे। 25 जून को उनके खिलाफ भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में अनियमितता के आरोप में तोरवा थाने में मामला दर्ज किया गया था।


जांच में पाया गया कि राजस्व रिकॉर्ड में जालसाजी और भूमि के अवैध हस्तांतरण के कारण अतिरिक्त मुआवजे की गणना की गई, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।


अधिकारियों ने बताया कि मामले के पंचाट में लंबित रहने के कारण मुआवजा वितरित नहीं हो पाया है, जिससे सड़क निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है और आम जनता को सड़क सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है।


मिश्रा को 24 जून को निलंबित किया गया था।