छत्तीसगढ़ में दो बहनों की अंजान युवक से दोस्ती ने बढ़ाई मुसीबत
दो बहनों की कहानी
आजकल के समय में कई लोग अपने स्वार्थ के लिए दूसरों को धोखा देते हैं। कभी-कभी, गलत व्यक्ति पर भरोसा करना जानलेवा भी हो सकता है। यही कारण है कि बुजुर्ग हमेशा हमें अजनबियों से बात करने और उन पर भरोसा न करने की सलाह देते हैं। लेकिन आज के डिजिटल युग में, लोग सोशल मीडिया और मोबाइल के जरिए आसानी से एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं। हाल ही में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां दो बहनों ने एक अंजान युवक के कहने पर घर से भागने का फैसला किया। लेकिन उनके साथ ऐसा कुछ हुआ, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी।
यह घटना मुड़ीपार की दो बहनों की है। बड़ी बहन की उम्र 18 वर्ष है, जबकि छोटी बहन 23 वर्ष की है। बड़ी बहन अनपढ़ है, जबकि छोटी बहन ने केवल 9वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। कुछ दिन पहले, उन्हें एक युवक का फोन आया, जो दरअसल एक गलत नंबर था। लेकिन युवक ने उनसे बातचीत शुरू की, और धीरे-धीरे दोनों बहनें उसकी बातों में दिलचस्पी लेने लगीं। इस तरह उनकी फोन पर रोजाना बातें होने लगीं, और युवक ने उनका विश्वास जीत लिया। एक दिन, युवक ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया, और वे घर छोड़ने के लिए तैयार हो गईं।
इसके बाद, दोनों बहनें मंगलवार को घर से भागकर दुर्ग स्टेशन पहुंच गईं। वहां, वे युवक का इंतजार करने लगीं, लेकिन वह कहीं नहीं आया। युवक का फोन भी स्विच ऑफ था। इस स्थिति में, वे रातभर स्टेशन पर घूमती रहीं। तभी आरपीएफ की महिला आरक्षी सीमा जोशी की नजर उन पर पड़ी। उन्होंने देखा कि दोनों बहनें काफी देर से अकेली घूम रही हैं। इसके बाद, उन्होंने अपने स्टाफ को सूचित किया और दोनों बहनों को आरपीएफ ऑफिस ले जाकर पूछताछ की।
जब लड़कियों ने अपनी पूरी कहानी सुनाई, तो आरपीएफ ने युवक को फोन करने की कोशिश की, लेकिन उसका फोन अभी भी स्विच ऑफ था। अंततः, आरपीएफ ने लड़कियों का नाम, पता और फोन नंबर लिया और उन्हें उनके पिता के पास भेज दिया।
इस घटना से यह सीख मिलती है कि किसी अजनबी से दोस्ती करने से पहले हमें कई बार सोचना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति आपको बार-बार परेशान कर रहा है, तो इसकी जानकारी पुलिस को देनी चाहिए। साथ ही, माता-पिता को भी अपने बच्चों को इस तरह की सावधानियों के बारे में बताना चाहिए।