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छत्तीसगढ़ के गांव में महिलाओं पर अजीब नियम: सिंदूर और कुर्सी पर बैठने पर पाबंदी

छत्तीसगढ़ के संदबाहरा गांव में महिलाओं के लिए कुछ अजीब नियम हैं, जैसे कि शादी के बाद सिंदूर न लगाना और कुर्सी पर न बैठना। यह सब अंधविश्वास के कारण है, जिसमें स्थानीय लोग मानते हैं कि नियमों का पालन न करने पर देवी नाराज हो जाती हैं। जानें इस गांव के नियमों और उनके पीछे की कहानी के बारे में।
 

भारत में महिलाओं के लिए अनोखे नियम

भारत में हिन्दू धर्म की महिलाएं शादी के बाद विशेष साज-सज्जा करती हैं, जिसमें माथे पर बिंदी और मांग में सिंदूर लगाना शामिल है। यह उनके सुहागिन होने का प्रतीक माना जाता है। यदि कोई महिला शादी के बाद इन परंपराओं का पालन नहीं करती, तो उसे अपशगुन माना जाता है।


छत्तीसगढ़ का अनोखा गांव

हालांकि, छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक ऐसा गांव है जहां महिलाएं शादी के बाद मांग में सिंदूर नहीं लगा सकतीं। संदबाहरा नामक इस गांव में महिलाओं के लिए कुछ अजीब नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है।



यहां महिलाएं न तो सिंदूर लगा सकती हैं और न ही सज-संवर सकती हैं। इसके अलावा, उन्हें कुर्सी पर बैठने और पलंग पर सोने की अनुमति नहीं है। इस गांव में महिलाओं के लिए पेड़ पर चढ़ना और धान काटना भी वर्जित है।


इन नियमों के पीछे का कारण

आप सोच रहे होंगे कि इस गांव में ऐसे नियम क्यों हैं। दरअसल, यह गांव अंधविश्वास से प्रभावित है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि महिलाएं इन नियमों का पालन नहीं करतीं, तो देवी नाराज हो जाती हैं और गांव पर संकट आ जाता है।


गांव के प्रमुखों का कहना है कि कई साल पहले देवी ने गांव के मुखिया को स्वप्न में आदेश दिया था कि महिलाओं को ये नियम मानने चाहिए। तभी से ये नियम लागू हैं और आज भी जारी हैं।


विरोध के बावजूद स्थिति में बदलाव नहीं

इन नियमों का विरोध भी किया गया है। रेवती मरकाम नाम की महिला ने इस अंधविश्वास के खिलाफ आवाज उठाई थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। गांव की महिलाएं इन नियमों को पसंद नहीं करतीं, लेकिन खुलकर अपनी बात नहीं रख पातीं।


इस गांव में नक्सलवाद भी एक कारण है, जिससे यह विकास की दौड़ में पीछे रह गया है। यहां के लोग बाहरी लोगों से बात करने में हिचकिचाते हैं।