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छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन भारत पर्व में

गुजरात के केवड़िया में आयोजित भारत पर्व में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक व्यंजन सभी आगंतुकों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कार्यक्रम में भाग लिया और छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों की जानकारी ली। इस अवसर पर छात्राओं द्वारा बनाए गए पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद लिया गया, जो राज्य की समृद्ध पाक-कला का परिचय देते हैं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग छत्तीसगढ़ की जीवंत संस्कृति का अनुभव करने पहुंचे हैं।
 

भारत पर्व में छत्तीसगढ़ की झलक


गुजरात के केवड़िया में आयोजित भारत पर्व में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विशेषताएं सभी आगंतुकों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं। यहां के पारंपरिक व्यंजन अपनी खुशबू और स्वाद से लोगों को लुभा रहे हैं।


इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भारत पर्व का अवलोकन किया और छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा स्थापित स्टॉल का निरीक्षण किया। उन्होंने पर्यटन मंडल के अधिकारियों से राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों और योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।


मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता, परंपराएं और लोककला पूरे देश में अपनी विशेष पहचान बना रही हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ तेजी से भारत के उभरते पर्यटन केंद्रों में शामिल हो रहा है।


पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद

छत्तीसगढ़िया व्यंजनों ने जीता दिल


इस कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ने पर्यटन मंडल छत्तीसगढ़ द्वारा संचालित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (आईएचएम) रायपुर की छात्राओं द्वारा बनाए गए पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद लिया।


अमारी का शरबत, करील के कबाब, चौसेला रोटी, बफौरी और फरा जैसे व्यंजन छत्तीसगढ़ की समृद्ध पाक-कला और संस्कृति का परिचय देते हैं। मुख्यमंत्री ने आईएचएम रायपुर की छात्राओं की सराहना करते हुए कहा कि “ये छात्राएं छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर की संवाहक हैं, जो अपनी प्रतिभा से राज्य का गौरव बढ़ा रही हैं।” इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य और जीएम वेदव्रत सिरमौर भी उपस्थित थे।


एकता नगर में छत्तीसगढ़ की संस्कृति का उत्सव

एकता नगर में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और हस्तकला की गूंज


मुख्यमंत्री साय ने अंबिकापुर के बुनकरों द्वारा बनाए गए कोसा वस्त्रों की खरीदारी की और शिल्पियों से बातचीत की। उन्होंने भारत पर्व में प्रस्तुति देने आए छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक दल से मुलाकात कर उन्हें प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति, वेशभूषा और लोकनृत्य हमारी पहचान का अभिन्न हिस्सा हैं। हमारा उद्देश्य है कि इन परंपराओं को राष्ट्रीय मंच पर और सशक्त रूप से प्रस्तुत किया जाए।” भारत पर्व में छत्तीसगढ़ के लोकनृत्य, हस्तशिल्प, पारंपरिक खानपान और पर्यटन स्थलों की झलक देखने के लिए बड़ी संख्या में आगंतुक पहुंच रहे हैं और राज्य की जीवंत संस्कृति से अभिभूत हो रहे हैं।