चुनाव आयोग पर चिदंबरम का नया हमला, पूर्व अधिकारियों की आलोचना का किया जिक्र
चिदंबरम की चुनाव आयोग पर टिप्पणी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने तीन पूर्व चुनाव निगरानीकर्ताओं की सार्वजनिक आलोचना का हवाला दिया, जिन्होंने राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों के प्रति आयोग के रवैये को गलत बताया। चिदंबरम ने कहा कि चुनाव आयोग का दायित्व गंभीर शिकायतों की जांच करना है, न कि विपक्ष के नेताओं को हलफनामे या माफी मांगने का अल्टीमेटम देना।
चिदंबरम ने एक्स पर एक पोस्ट में तीन पूर्व चुनाव आयुक्तों की कड़ी आलोचना का उल्लेख किया। उनके अनुसार, इन पूर्व अधिकारियों ने कुमार के दृष्टिकोण की आलोचना की और कहा कि यदि किसी नागरिक या हितधारक ने ठोस शिकायत की है, तो आयोग का कर्तव्य है कि वह शिकायतकर्ता को चुनौती देने के बजाय उसकी जांच करे।
पूर्व चुनाव आयुक्तों की राय
यह ट्वीट ऐसे समय में आया है जब तीन पूर्व चुनाव आयुक्तों ने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त के रवैये को उचित नहीं बताया। एसवाई कुरैशी, ओपी रावत और अशोक लवासा ने कहा कि भारत के चुनाव 'काफी हद तक स्वतंत्र और निष्पक्ष' हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 'वोट चोरी' जैसे आरोप राजनीतिक बयानबाजी हैं, जो हर चुनावी मौसम में सामने आते हैं।
एसवाई कुरैशी ने कहा कि वोटर लिस्ट को लेकर चिंताएं सही हैं। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट भारत के चुनावों और उनकी विश्वसनीयता की नींव हैं। जब तक ये लिस्ट सटीक और साफ नहीं होंगी, चुनावों को भरोसेमंद नहीं माना जा सकता।
वोटर लिस्ट की जांच पर पूर्व अधिकारियों की चिंता
तीनों पूर्व चुनाव अधिकारियों ने वोटर लिस्ट की व्यवस्थित जांच (SIR) के कॉन्सेप्ट का समर्थन किया, लेकिन बिहार में इसकी समय सीमा और प्रक्रिया पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में 'गलतियां होना स्वाभाविक है' और चुनाव से ठीक पहले इसे विवाद का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।