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चीन-ताइवान तनाव: आसमान में दर्जनों चीनी लड़ाकू विमानों की गतिविधि

चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, ताइवान ने अपने आस-पास 58 चीनी लड़ाकू विमानों और 9 नौसैनिक जहाजों की गतिविधि की पुष्टि की है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इनमें से कई विमानों ने मध्य रेखा पार की है। इस तनाव के पीछे चीन की ताइवान को वापस लेने की योजना और ताइवान का सैन्य अभ्यास शामिल है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
 

चीन की आक्रामकता जारी

China-Taiwan News: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। ताइवान के प्रति चीन की आक्रामकता लगातार बढ़ती जा रही है। अमेरिका ने पहले ही चेतावनी दी थी कि चीन ताइवान के खिलाफ कोई नापाक योजना बना सकता है। इस बीच, ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि चीन ने उसके आस-पास के हवाई क्षेत्रों में 58 चीनी लड़ाकू विमानों और 9 नौसैनिक जहाजों का पता लगाया है।


चीन के विमानों की गतिविधि

ताइवान ने यह भी बताया कि इनमें से 45 विमानों ने मध्य रेखा को पार किया और ताइवान के उत्तरी, मध्य, दक्षिण-पश्चिमी और पूर्वी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में प्रवेश किया।


ताइवान की निगरानी

ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा, "आज सुबह 6 बजे तक ताइवान के आसपास 58 PLA विमान, 9 चीनी नौसेना के जहाज और 1 आधिकारिक जहाज का पता चला है। हमने स्थिति पर नजर रखी है और आवश्यक कार्रवाई की है।"


PLA विमानों की उड़ानें

बता दें कि बुधवार (16 जुलाई) को ताइवान ने PLA विमानों (जिनमें J-16, KJ-500 शामिल हैं) की 38 उड़ानों का पता लगाया था। इनमें से 28 उड़ानों ने ताइवान में मध्य रेखा को पार किया और उसके मध्य और दक्षिण-पश्चिमी एडीआईजेड में प्रवेश किया।


चीन की प्रतिक्रिया

चीन और ताइवान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। हाल ही में चीनी स्टेट टीवी ने घोषणा की है कि चीन ताइवान को वापस लेने की योजना बना रहा है। इसके अलावा, चीन ताइवान में चल रहे सैन्य अभ्यास से भी चिंतित है। ताइवान ने 10 दिवसीय सैन्य अभ्यास शुरू किया है, जिसमें राजधानी ताइपे के हवाई अड्डे के पास HIMARS और पैट्रिएट जैसे मिसाइल सिस्टम तैनात किए गए हैं।


चीन और ताइवान के बीच विवाद

यह ध्यान देने योग्य है कि चीन और ताइवान के बीच विवाद कई दशकों से चला आ रहा है। चीन ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश मानता है। इस मुद्दे पर चीन और अमेरिका के बीच भी टकराव बना रहता है, क्योंकि अमेरिका ताइवान को एक देश के रूप में मान्यता देता है और उसकी सुरक्षा की गारंटी भी देता है।