चीन की ताइवान पर सैन्य गतिविधियाँ: एक गंभीर चेतावनी
चीन की ताइवान पर नजर
चीन की ताइवान पर कब्जा करने की पुरानी योजना को पूरी दुनिया जानती है। हाल ही में, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने ताइवान के चारों ओर बड़े पैमाने पर लाइव फायर ड्रिल्स का आयोजन किया है। यह सैन्य अभ्यास ताइवान को डराने के लिए किया गया है, जिसमें फाइटर जेट्स और ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है। चीन यह दिखाना चाहता है कि उसने ताइवान पर हमले की योजना बना ली है।
चीन का यह प्रदर्शन यह संकेत देता है कि अमेरिका की सहायता भी ताइवान के लिए पर्याप्त नहीं होगी। ताइवान को चारों ओर से घेरते हुए, चीन ने अपने सैन्य अभ्यास का नाम 'जस्टिस मिशन 2025' रखा है। चीनी सेना का कहना है कि यह शक्ति प्रदर्शन ताइवान की अलगाववादी ताकतों और बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ एक चेतावनी है।
ताइवान की प्रतिक्रिया
चीन ताइवान को अमेरिका से मिलने वाले 11 अरब डॉलर के हथियारों के कारण भी परेशान है। इसीलिए, वह युद्धाभ्यास कर ताइवान को डराने की कोशिश कर रहा है। ताइवान, जो चीन से केवल 160 किमी और जापान से 110 किमी दूर है, चीन को अपना हिस्सा मानता है और उस पर किसी भी प्रकार के कब्जे का विरोध करता है।
इस बीच, ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीन के बढ़ते खतरों के मद्देनजर अपनी सैन्य तैयारियों का एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में ताइवान ने कहा है कि वहां रहना स्वतंत्रता, लोकतंत्र और शांति का अनुभव करने जैसा है। उनका सिद्धांत है कि वे लोगों के जीवन को सामान्य बनाए रखने और उन्हें हर खतरे से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अमेरिकी नौसेना की गतिविधियाँ
अमेरिकी नौसेना के नवीनतम अपडेट के अनुसार, यूएसएस अब्राहम लिंकन, जो एक विमानवाहक पोत है, दक्षिण चीन सागर में नियमित अभियानों के लिए प्रवेश कर चुका है। यह पोत नवंबर के अंत में सैन डिएगो से रवाना हुआ था और 11 दिसंबर को गुआम नौसेना बेस पर थोड़ी देर रुका।
हाल ही में जारी की गई तस्वीरों में, यूएसएस अब्राहम लिंकन से एफ-35सी लाइटनिंग II स्टील्थ लड़ाकू विमानों को उड़ान भरते और वापस लौटते हुए देखा गया है।