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चीन की अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव: विकास दर में गिरावट

चीन की अर्थव्यवस्था अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के कारण गंभीर संकट में है। तीसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर एक साल के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है, जिससे विकास मॉडल की स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं। घरेलू मांग में कमी और निर्यात पर निर्भरता नीति निर्माताओं के लिए बड़ी चुनौतियाँ बन गई हैं। जानें कैसे मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात ने कुछ राहत दी है, और व्यापार तनाव का प्रभाव क्या है।
 

चीन की आर्थिक चुनौतियाँ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के चलते चीन की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है। तीसरी तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि दर एक साल के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है, जिससे उसके विकास मॉडल की स्थिरता पर सवाल उठने लगे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू मांग में कमी और निर्यात पर निर्भरता नीति निर्माताओं के लिए बड़ी चुनौतियाँ बन गई हैं।


तीसरी तिमाही की आर्थिक वृद्धि

तीसरी तिमाही में चीन का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 4.8 प्रतिशत बढ़ा। तिमाही के आधार पर, अर्थव्यवस्था में 1.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो कि 0.8 प्रतिशत की अपेक्षा से अधिक है। जनवरी से सितंबर तक की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत रही, जिससे चीन अपने 5 प्रतिशत वार्षिक लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।


उपभोक्ता खर्च में कमी

हालांकि उपभोक्ता खर्च में कमी बनी हुई है। सितंबर में खुदरा बिक्री में केवल 3.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो पिछले 10 महीनों में सबसे कम है। इसके अलावा, अचल संपत्ति में निवेश में भी गिरावट आई है, जो महामारी के बाद पहली बार हो रही है।


निर्यात से मिली थोड़ी राहत

मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात ने कुछ हद तक आर्थिक वृद्धि को सहारा दिया है। हालांकि, अमेरिका को निर्यात में 27 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन यूरोपीय संघ, दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका को निर्यात में क्रमशः 14 प्रतिशत, 15.6 प्रतिशत और 56.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।


व्यापार तनाव का प्रभाव

वाशिंगटन के साथ बढ़ते तनाव ने अनिश्चितता को बढ़ा दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने 1 नवंबर से चीनी वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाने की धमकी दी है। हालांकि, दोनों पक्षों के बीच संभावित उच्च स्तरीय वार्ताओं से तनाव कम करने की कोशिश की जा सकती है।


नीतिगत दिशा और दीर्घकालिक योजनाएँ

चीनी नेता इस सप्ताह 15वीं पंचवर्षीय विकास योजना पर चर्चा कर रहे हैं, जिसमें उच्च तकनीक वाले मैन्युफैक्चरिंग पर जोर दिया जाएगा। विश्लेषक दिसंबर में होने वाले पोलित ब्यूरो सत्र और केंद्रीय आर्थिक कार्य सम्मेलन पर नजर रख रहे हैं।


औद्योगिक संकेत

सितंबर में औद्योगिक उत्पादन में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो असमान वृद्धि को दर्शाता है। हालांकि मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में लचीलापन दिखाई दे रहा है, लेकिन घरेलू खपत में कमी और घटता संपत्ति निवेश चीन की आर्थिक स्थिरता के लिए चुनौती बना हुआ है।