चीन का भारत-पाकिस्तान मध्यस्थता पर दावा: कांग्रेस ने उठाए सवाल
भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर चीन का दावा
नई दिल्ली
भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के संदर्भ में पहले अमेरिका ने दावा किया था, लेकिन अब चीन ने भी इस मामले में अपनी बात रखी है। कांग्रेस ने बुधवार को इस पर चिंता जताते हुए कहा कि चीन का मध्यस्थता संबंधी दावा गंभीर है और सरकार को इस पर स्पष्टता प्रदान करनी चाहिए।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा, "राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लंबे समय से यह कहा है कि उन्होंने 10 मई, 2025 को ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप किया था। वह इस बात को विभिन्न मंचों पर 65 बार दोहरा चुके हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
जयराम रमेश ने आगे कहा, "चीन के विदेश मंत्री भी इसी तरह का दावा कर रहे हैं कि उन्होंने मध्यस्थता की थी। 4 जुलाई 2025 को सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत वास्तव में चीन का सामना कर रहा था।"
कांग्रेस नेता ने कहा कि चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा था, इसलिए इस दावे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह केवल इसलिए चिंताजनक नहीं है कि यह जनता को दी गई जानकारी के विपरीत है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा है।
उन्होंने यह भी कहा, "इस दावे को चीन के साथ हमारे संबंधों के संदर्भ में देखना चाहिए। हमने चीन के साथ बातचीत शुरू की है, लेकिन यह चीन की शर्तों पर हो रही है। 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा चीन को दी गई क्लीन चिट ने हमारी बातचीत की स्थिति को कमजोर कर दिया है।" उन्होंने कहा कि ऐसे एकतरफा और शत्रुतापूर्ण संबंधों के बीच, जनता को यह जानने का अधिकार है कि ऑपरेशन सिंदूर को रोकने में चीन की क्या भूमिका थी।
गौरतलब है कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को चीन की मध्यस्थता से हल किया गया। भारत का कहना है कि 7-10 मई के संघर्ष को दोनों देशों की सेनाओं के डीजीएमओ के बीच सीधी बातचीत से सुलझाया गया था। भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि भारत-पाकिस्तान के मामलों में किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है।