चीन का भारत-पाकिस्तान तनाव में मध्यस्थता का दावा
चीन का नया बयान
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर इस वर्ष बीजिंग ने मध्यस्थता की है। अमेरिका के बाद अब चीन ने भी ऐसा दावा किया है, जबकि भारत ने बार-बार मई में हुए संघर्ष में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को खारिज किया है।
वांग ने बीजिंग में एक सेमिनार के दौरान यह बात कही, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय स्थिति और चीन के विदेश संबंधों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि दुनिया में संघर्ष और अस्थिरता में तेजी से वृद्धि हो रही है। इस वर्ष स्थानीय लड़ाइयाँ और सीमा पार झगड़े द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे अधिक बार हुए हैं।
हालांकि, वांग का यह बयान भारत के उस दावे के विपरीत है कि 7-10 मई के बीच पाकिस्तान के साथ संघर्ष को दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMOs) के बीच सीधी बातचीत से सुलझाया गया था।
चीन की मध्यस्थता की भूमिका
चीन ने हॉटस्पॉट मुद्दों में मध्यस्थता की
वांग ने कहा कि बीजिंग ने स्थायी शांति की दिशा में काम करने पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने उल्लेख किया कि चीन ने उत्तरी म्यांमार, ईरानी परमाणु मुद्दे, भारत-पाकिस्तान तनाव, फिलिस्तीन-इजराइल मुद्दों और कंबोडिया-थाईलैंड संघर्ष में मध्यस्थता की है।
भारत की चुप्पी
भारत की प्रतिक्रिया का अभाव
वांग की टिप्पणियों पर भारतीय अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। भारत का कहना है कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को समाप्त करने में चीन या किसी अन्य तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी। उल्लेखनीय है कि भारत ने 7 मई को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई की थी, जिससे एक छोटा लेकिन तीव्र संघर्ष शुरू हुआ जो 10 मई को समाप्त हुआ।