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चीन का ताइवान के चारों ओर सैन्य अभ्यास: तनाव बढ़ता हुआ

चीन ने ताइवान के चारों ओर एक बड़े सैन्य अभ्यास की शुरुआत की है, जिसमें रॉकेट दागने और बंदरगाहों पर कब्ज़े की रणनीति का अभ्यास शामिल है। यह अभ्यास अमेरिका द्वारा ताइवान को हथियारों की बिक्री के बाद किया गया है, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति एशिया-प्रशांत क्षेत्र की राजनीति को प्रभावित कर सकती है। जानें इस अभ्यास के बारे में और अमेरिका की प्रतिक्रिया क्या है।
 

चीन का सैन्य अभ्यास और ताइवान के चारों ओर बढ़ता तनाव

ताइवान के आस-पास का तनाव एक बार फिर से बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने लगातार दूसरे दिन बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास जारी रखा है, जिसमें कई रॉकेट दागे गए और बंदरगाहों पर कब्ज़े की रणनीति का अभ्यास किया गया। इस अभ्यास को “जस्टिस मिशन” नाम दिया गया है, जिसे बीजिंग ताइवान की “अलगाववादी सोच” और बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ एक चेतावनी के रूप में प्रस्तुत कर रहा है।


इस सैन्य अभ्यास की शुरुआत वर्ष के अंत से पहले की गई थी। इसमें चीन के पूर्वी थिएटर कमांड ने ताइवान के चारों ओर सात विभिन्न क्षेत्रों में मिसाइल, नौसेना और वायुसेना की तैनाती की है। यह अभ्यास ताइवान को घेरने और बाहरी ताकतों को दूर रखने की चीन की रणनीति को प्रदर्शित करने के लिए किया जा रहा है।


हाल ही में अमेरिका ने ताइवान को लगभग 11 अरब डॉलर के हथियार पैकेज की मंजूरी दी थी, जिसमें HIMARS रॉकेट सिस्टम और अन्य उन्नत हथियार शामिल हैं। चीन ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और अपने सरकारी मीडिया में यह दावा किया है कि अभ्यास के दौरान ऐसे जहाजों को रोका गया जो ताइवान को हथियार पहुंचा रहे थे।


मंगलवार को अभ्यास का एक महत्वपूर्ण चरण था, जब पीएलए ने लंबी दूरी की बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइलों के साथ लाइव-फायर ड्रिल की। रिपोर्टों के अनुसार, डोंग फेंग सीरीज़ की मिसाइलों और PHL-16 रॉकेट सिस्टम का उपयोग किया गया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि लगभग 17 रॉकेट कीलुंग बंदरगाह के उत्तर में और 10 रॉकेट ताइनान के पश्चिमी क्षेत्र में गिरे, जो अब तक का सबसे निकटतम हमला माना जा रहा है।


चीनी नौसेना के हेलिकॉप्टर कैरियर से सैनिकों ने पूर्वी तट पर उतरने का अभ्यास किया, जबकि ज़मीन पर मौजूद मरीन यूनिट्स ने बंदरगाह पर कब्ज़े की रिहर्सल की। इसके जवाब में, ताइवान ने अपने एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम, त्वरित प्रतिक्रिया बल और तटवर्ती सुरक्षा इकाइयों को सक्रिय कर दिया है।


ताइवान की सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने भी अपनी सैन्य क्षमताओं को दर्शाने वाले ग्राफिक्स जारी किए हैं। अमेरिका की प्रतिक्रिया इस समय सीमित रही है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि इस तरह के अभ्यास चीन लंबे समय से करता आ रहा है और इससे उन्हें कोई विशेष चिंता नहीं है।


वर्तमान में, पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना के विमानवाहक पोत तैनात हैं और स्थिति पर नज़र रखी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह सैन्य तनाव एशिया-प्रशांत क्षेत्र की राजनीति को और प्रभावित कर सकता है।