चीन का उइगर मुसलमानों पर नया अत्याचार: वैश्विक प्रतिक्रिया की कमी
चीन ने उइगर मुसलमानों के खिलाफ एक नई कार्रवाई शुरू की है, जिसमें वह विभिन्न देशों में रह रहे उइगरों को पकड़कर उन्हें दंडित करने की कोशिश कर रहा है। इस मुद्दे पर मुस्लिम देशों की चुप्पी चिंताजनक है। रिपोर्टों के अनुसार, तुर्की में उइगरों को जबरन चीन लौटने के लिए फॉर्म भरवाए जा रहे हैं। जानें इस गंभीर स्थिति के बारे में और क्या हो रहा है।
Dec 30, 2025, 12:58 IST
चीन का उइगर मुसलमानों पर दमन
चीन ने उइगर मुसलमानों के खिलाफ एक नई कार्रवाई शुरू की है, जिसमें वह विभिन्न देशों में रह रहे उइगरों को पकड़कर उन्हें दंडित करने की कोशिश कर रहा है। यह रिपोर्ट भारत के वामपंथियों और कट्टरपंथियों को भी चौंका देगी, क्योंकि चीन ने एकतरफा धर्मनिरपेक्षता के जाल में नहीं फंसा है। हाल ही में एक घोषणा ने दुनिया भर में हलचल मचा दी है, जिससे लगभग 55 मिलियन मुसलमानों पर खतरा बढ़ गया है। चीन ने उइगर मुसलमानों को दंडित करने के लिए एक नई योजना बनाई है, जिसने कई देशों को हिलाकर रख दिया है।
चीन ने उइगर मुसलमानों के खिलाफ जो नया कदम उठाया है, उसने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। चीन से भागे उइगर मुसलमानों को पकड़ने और उन्हें दंडित करने के लिए अब उन्हें विदेशों से वापस लाने की योजना बनाई जा रही है। इस अत्याचार पर मुस्लिम देशों की चुप्पी चिंताजनक है। कोई सवाल नहीं, कोई कार्रवाई नहीं, और न ही कोई प्रतिक्रिया। चीन में लगभग 55 मिलियन मुसलमान रहते हैं, और यह सभी जानते हैं कि वहां धार्मिक प्रथाओं का पालन करने की अनुमति नहीं है।
चीन में मस्जिदों के डिजाइन भी पारंपरिक तरीके से नहीं बनाए जा सकते, विशेषकर शिनजियांग में रहने वाले उइगरों पर। 2017 से 2019 के बीच, चीन ने लगभग 1 मिलियन उइगरों को डिटेंशन कैंप में डाल दिया, जहां कई को जबरन श्रम कराया गया। हालांकि, कुछ उइगर मुसलमान विदेशों में भागने में सफल रहे और अमेरिका तथा यूरोप में शरण प्राप्त की।
चीन नहीं चाहता कि ये मुसलमान विदेशों में जाकर उसके खिलाफ कोई नकारात्मक बात कहें। तुर्की, जो इस्लामिक देशों का खलीफा बनने का दावा करता है, भी इस मामले में चुप है। रिपोर्टों के अनुसार, तुर्की में उइगरों को जबरन चीन लौटने के लिए फॉर्म भरवाए जा रहे हैं। इसके अलावा, थाईलैंड और अमेरिका जैसे देशों में भी उइगरों की वापसी का दबाव बढ़ रहा है।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन खुद को इस्लामिक देशों का नेता मानते हैं, लेकिन वह जान बचाकर भागे उइगर मुसलमानों को वापस चीन भेजने में मदद कर रहे हैं।