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चिराग पासवान ने बिहार में जातिवाद के खिलाफ उठाई आवाज़

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार में विपक्ष की स्थिति पर टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने जातिवाद के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि उनकी राजनीति का आधार जाति नहीं, बल्कि बिहारी पहचान है। पासवान ने विपक्ष की चुनावी असफलताओं का जिक्र करते हुए कहा कि वे ईवीएम पर दोष डालते रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता देने की बात की और कहा कि बिहार की राजनीति में अब समय आ गया है कि इन वर्गों की ताकत को केंद्र में रखा जाए। जानें उनके विचारों का पूरा विवरण।
 

बिहार में विपक्ष की स्थिति पर चिराग पासवान की टिप्पणी

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा है कि बिहार में विपक्ष विधानसभा चुनावों से पहले मुद्दों की कमी का सामना कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि वह चुनावी रिकॉर्ड में विशेष और कठोर संशोधन के खिलाफ अगले कुछ दशकों तक विरोध जारी रख सकते हैं। पासवान ने मंगलवार को यह बयान दिया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके लिए राजनीति का आधार जाति नहीं, बल्कि बिहारी पहचान है। जब उनसे एसआईआर के बाद अंतिम मतदाता सूची जारी करने के चुनाव आयोग के निर्णय के बारे में पूछा गया, जिसका राजद और कांग्रेस ने विरोध किया है, तो उन्होंने यह बात कही।


 


चिराग ने यह भी कहा कि विपक्ष लंबे समय से अपनी चुनावी असफलताओं का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ता रहा है। अब, वे एसआईआर में खामियों की तलाश करते रहेंगे। हाजीपुर के सांसद ने यह स्वीकार किया कि बिहार और अन्य स्थानों पर मतदाता सूचियों में सुधार की आवश्यकता है। उनके अनुसार, कई दिवंगत व्यक्तियों के नाम अभी भी मतदाता सूची में मौजूद हैं। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने कहा, "विपक्ष लगातार इन चिंताओं को हमारे साथ साझा कर रहा है। अब जबकि कई लाख नाम हटा दिए गए हैं, ऐसा लगता है कि विसंगतियाँ समाप्त हो गई हैं। विपक्ष को यह समझना चाहिए कि चुनाव आयोग, जिस पर वे बार-बार हमला करते हैं, वही वह प्राधिकरण है जहाँ वे अपनी शिकायतों का समाधान कर सकते हैं।"


 


पासवान ने पटना में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं 14 करोड़ बिहारियों की बात करूंगा। बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट की बात करूंगा। मेरा दल जातिगत समीकरणों से ऊपर उठकर महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता देने वाली राजनीति में विश्वास करता है।’’ उन्होंने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वे हमेशा जातिगत समीकरणों की बात करते हैं। पासवान ने कहा, ‘‘तेजस्वी यादव के दिमाग में ईबीसी, ओबीसी, दलित और अन्य जातियां हो सकती हैं, लेकिन हमारे लिए बिहार की जनता सिर्फ बिहारी है। जो नेता एम-वाई (मुस्लिम-यादव) का तमगा गर्व से पहनते हैं, वे हमेशा जाति आधारित राजनीति करते रहेंगे।’’ 


 


केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पासवान ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी एम-वाई समीकरण को मानती है, लेकिन इसका अर्थ है ‘‘महिला और युवा’’। इसे उन्होंने पार्टी की नई सोच और पहचान बताया। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार की राजनीति में अब समय आ गया है कि महिलाओं और युवाओं की ताकत को केंद्र में रखा जाए, क्योंकि यही वर्ग आने वाले बिहार को नई दिशा देगा। मेरी राजनीति का मकसद बिहार के प्रत्येक नागरिक को सम्मानपूर्वक राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल करना है। जनता की समस्याएं, विकास और युवाओं के लिए रोजगार मेरे एजेंडे के प्रमुख बिंदु रहेंगे।’’