चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने बिहार में सीट बंटवारे को लेकर दिखाई ताकत
चुनाव की तैयारी में चिराग पासवान की सक्रियता
NDA में सीट शेयरिंग पर चिराग की पार्टी बना रही प्रेशर
बिहार में चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही सभी की निगाहें उम्मीदवारों की घोषणा पर हैं। इस बार चुनाव राजनीतिक दलों के बजाय गठबंधनों के बीच लड़ा जा रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व में महागठबंधन और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेतृत्व में एनडीए चुनावी मैदान में हैं। सत्तारूढ़ एनडीए में शामिल दलों के बीच सीट बंटवारे पर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। इस बीच, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रही है ताकि अधिक से अधिक सीटें हासिल की जा सकें। जीतन राम मांझी भी अपनी पार्टी के लिए ज्यादा सीटों की मांग कर रहे हैं.
सीट बंटवारे पर चल रही चर्चाओं के बीच, लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने पिता रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह उनके दिखाए मार्ग और बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट के सपने को साकार करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.
पिता की पुण्यतिथि पर चिराग का श्रद्धांजलि
चिराग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "पापा, आपकी पुण्यतिथि पर आपको मेरा नमन। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके दिखाए मार्ग और आपके विजन बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट को साकार करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हूं।" उन्होंने यह भी कहा कि रामविलास पासवान द्वारा देखे गए बिहार के समग्र विकास के सपने को अब साकार करने का समय आ गया है. उन्होंने कहा, "आपने जो जिम्मेदारी मेरे कंधों पर सौंपी थी, उसे निभाना मेरे जीवन का उद्देश्य और कर्तव्य है."
बिहार में चिराग का प्रभाव
उन्होंने आगे कहा, "2025 का बिहार विधानसभा चुनाव नई लकीर खींचेगा, राज्य उन्नति और प्रगति के राह पर बढ़ने को बेताब है। बिहार को फर्स्ट बनाने और बिहारियों को फर्स्ट बनाने के लिए हर बिहारी आतुर है."
एनडीए में सीट बंटवारे की स्थिति
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल यूनाइटेड और बीजेपी के बीच सहमति बनती दिख रही है। सूत्रों के अनुसार, दोनों दल लगभग 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। जेडीयू को एक सीट अधिक मिलने की संभावना है। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने शुरू में 40 सीटों की मांग की थी, लेकिन अभी तक इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई है.
इसके अलावा, एनडीए की एक अन्य सहयोगी पार्टी, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) भी अधिक सीटें मांग रही है। मांझी कम से कम 20 सीटें चाहते हैं, जबकि उन्हें 10 से कम सीटें दी जा रही हैं, जिससे वह नाराज हैं.
एलजेपी की अन्य मांगें
सूत्रों का कहना है कि चिराग की पार्टी सीटों के साथ-साथ कुछ अन्य मांगें भी कर रही है, जिसमें राज्यसभा और विधान परिषद की एक-एक सीट शामिल है। पार्टी कुछ विशेष विधानसभा क्षेत्रों की भी मांग कर रही है, जहां उन्हें बेहतर संभावनाएं दिखती हैं. एलजेपी ने पिछले साल लोकसभा चुनाव में जीते गए पांच लोकसभा क्षेत्रों में से कुछ विधानसभा सीटों की मांग की है.
एलजेपी का कहना है कि जब उसने 2015 में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन के हिस्से के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था, तब उसे 243 सीटों में से 43 सीटें दी गई थीं। हालांकि, जेडीयू उस समय एनडीए का हिस्सा नहीं थी। बाद में जेडीयू एनडीए में शामिल हो गई, लेकिन चिराग की पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मतभेदों के कारण 2020 में गठबंधन से बाहर निकल गई थी और अकेले लड़ते हुए जेडीयू को नुकसान पहुंचाया था, लेकिन पार्टी को केवल एक सीट पर जीत मिली थी.